Ranchi: प्रधानमंत्री के हजारीबाग दौरे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम सोरेन ने एक्स पोस्ट के जरिए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री झारखंडियों के हक को हमें लौटाने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे, पर हमेशा की भांति ऐसा नहीं हुआ. हम दूसरे राज्यों की तरह कोई “विशेष दर्जा” नहीं मांग रहे हैं – अपना हक मांग रहे हैं, पर इस पर पूरी की पूरी भाजपा की चुप्पी हमारा हक मारने की साजिश का हिस्सा है. सीएम सोरेन ने आगे कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है क्योंकि यह चुप्पी बताती है कि उन्हें झारखंड के मूल निवासियों की चिंता नहीं है. वे बड़े कॉरपोरेट घरानों के हितों को हमारे हितों से ऊपर रख रहे हैं.
उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण के पीछे के मूल उद्देश्य को दरकिनार दिया है और सिर्फ अपने हितों के लिए कार्य कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों पत्र भेज कर केंद्रीय कोल कंपनियों पर झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये दिलाने की मांग की है. हेमंत ने यह भी कहा है कि जब तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में नहीं हो जाता, कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का 1100 करोड़ रुपये प्रतिमाह भुगतान करना शुरू किया जाए.
या भारतीय रिजर्व बैंक में कोल इंडिया के खाते में जमा राशि से झारखंड राज्य को सीधे डेबिट कराया जाए, जैसा कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के साथ डीवीसी के बकाया मामले में किया गया था. सीएम सोरेन ने लिखा है कि बकाया का भुगतान जल्द शुरू कराया जाए, ताकि झारखंड के लोगों को परेशानी न हो और इस गरीब आदिवासी राज्य की बेहतरी के लिए राज्य सरकार सामाजिक, आर्थिक परियोजनाओं की संख्या और गति बढ़ा सके.