Ranchi.झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) के बैनर तले राज्यभर के सरकारी डॉक्टर शुक्रवार से अनिश्चतकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे. इसमें करीब 4,900 डॉक्टरों के शामिल होने की उम्मीद है.
इससे सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ सकता है. डॉक्टर अस्पताल आयेंगे, लेकिन अपनी सेवाएं नहीं देंगे. हालांकि कार्य बहिष्कार से आकस्मिक सेवाओं को दूर रखा गया है.
संगठन के अध्यक्ष डॉ पीपी शाह ने कहा कि सदर अस्पताल, पाकुड़ में ड्यूटी डॉक्टर से एक महीने में मारपीट की यह दूसरी घटना है. प्रशासन पूरी तरह फेल है और मामले की लीपापोती करने में लगी है.
इधर, सचिव डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि दुर्गापूजा के अवसर पर झासा द्वारा हर स्तर पर आंदोलन नहीं करने का प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक मारपीट के तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराना सरकार और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. अगर घटना के 24 घंटे के अंदर सभी अभियुक्त की गिरफ्तारी होती, तो राज्यव्यापी कार्य बहिष्कार नहीं होता. इसकी पूरी जिम्मेदारी पाकुड़ के जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की है. सिर्फ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर गुमराह किया जा रहा है.
झासा के बैनर तले शुरू हुए आंदाेलन का आइएमए (जेडीएन) ने समर्थन किया है. डॉ सुशील कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की आपातकालीन बैठक हुई. इनके भी आंदोलन में शामिल होने की संभावना व्यक्त की गयी है.