Ranchi. झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का जादू चला. हेमंत सोरेन की जीत की आंधी में एनडीए उड़ गया. झामुमो 34 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है और इंडिया गठबंधन 56 सीटों पर मिली जीत के साथ सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा है. भाजपा को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. एनडीए गठबंधन के पास 24 सीटें हैं. हेमंत सोरेन लगातार दूसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार इंडिया गठबंधन के ग्राफ में जबरदस्त इजाफा हुआ है. कांग्रेस, राजद और माले का प्रदर्शन भी बेहतर रहा. संताल परगना, कोल्हान, दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल में इंडिया गठबंधन की मजबूत पकड़ रही. झारखंड ने दूसरी बार राज्य में गठबंधन को बहुमत की सरकार दी है.
मुख्यमंत्री सोरेन ने जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए गठबंधन के शानदार प्रदर्शन को ‘‘लोकतंत्र की परीक्षा में उत्तीर्ण होना’ बताया. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि पार्टी की हार उनके लिए बेहद दुखद है. भाजपा ने संथाल परगना क्षेत्र से ‘घुसपैठियों’ को बाहर निकालने का नारा दिया था, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा खेले गए ‘आदिवासी’ कार्ड के सामने यह नारा फीका पड़ गया. झामुमो ने सोरेन की गिरफ्तारी से उपजी सहानुभूति को भी अपने पक्ष में भुनाया. इसके अलावा, दलबदलुओं को उम्मीदवार बनाने को लेकर भाजपा में हुई कलह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा.
मिथिलेश ठाकुर, बैजनाथ राम, बन्ना और बेबी देवी हार गये चुनाव
झारखंड का यह जनादेश झामुमो के लिए कई सौगात लेकर आया. झामुमो ने अपने राजनीतिक इतिहास में पहली बार इतना बड़ा प्रदर्शन किया है. झामुमो को अकेले 34 सीटें आयीं हैं. वहीं, कांग्रेस ने 16 सीटों वाला अपना पुराना स्ट्राइक रेट बरकरार रखा है. इंडिया गठबंधन में राजद ने चार और माले ने दो सीटों पर जीत कर गठबंधन को मजबूत किया. इस चुनाव में हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री रहे मिथिलेश ठाकुर, बैजनाथ राम, बन्ना गुप्ता और बेबी देवी चुनाव हार गये. वहीं, मंत्री रहे डॉ रामेश्वर उरांव, दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन, इरफान अंसारी और हफीजुल हसन ने चुनाव जीत कर अपनी साख बचायी. झारखंड ने अपने जनादेश से एनडीए की कमर तोड दी. भाजपा 21 सीटों पर ही सिमट कर रह गयी. इंडिया गठबंधन के इस ज्वार में प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी हार गये. वह चंदनकियारी से तीसरे स्थान पर रहे, उनसे ज्यादा वोट जेएलकेएम को आया. 10 सीटों पर लड़नेवाली आजसू पार्टी मांडू की एक सीट जीत पायी. जयराम महतो खुद डुमरी से जीत गये, लेकिन कैंची ने भाजपा और आजसू को एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर डैमेज किया. एनडीए की हार की वजह जेकेएलम बना. लोजपा और जदयू एक-एक सीट जीत कर आये, लेकिन यह एनडीए को सत्ता तक पहुंचाने के लिए किसी काम का नहीं है.
मंईयां ने लगायी मुहर, आधी आबादी ने पलट दी बाजी
पिछले हेमंत सोरेन सरकार की मंईयां सम्मान योजना गेम चेंजर बनी. आधी आबादी ‘इंडिया गठबंधन’ के साथ चली. वहीं, भाजपा का ‘बांग्लादेशी घुसपैठ’ वाला नैरेटिव और गोगो दीदी योजना का 21 सौ रुपये देनेवाली घोषणा रंग नहीं ला पायी.
सीएम जीते, नेता प्रतिपक्ष हार गये चुनाव
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राजद और भाकपा (माले) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. मुख्यमंत्री सोरेन ने बरहेट सीट पर भाजपा के गमलील हेम्ब्रम को 39,791 वोटों के अंतर से हराया. सोरेन को 95,612 जबकि हेम्ब्रम को 55,821 वोट मिले. साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में सोरेन ने इसी निर्वाचन क्षेत्र से 25,740 वोटों से जीत हासिल की. हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को अपने पति की गिरफ्तारी के बाद झामुमो को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है.. कल्पना ने भी गांडेय सीट पर जीत हासिल की है.चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट पर 20,447 वोटों से जीत हासिल की. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी को चंदनकियारी में करारी हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे स्थान पर रहे.