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जांच हुई तो आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 13 में योजना घोटाला आएगा सामने! आरोप हैं कि जिस नाला को स्थानीय लोगों ने चंदा कर बनाया,वहा आदित्यपुर नगर निगम ने लगाया उद्घाटन का शिलापट्ट

जांच हुई तो आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 13 में योजना घोटाला आएगा सामने! आरोप हैं कि जिस नाला को स्थानीय लोगों ने चंदा कर बनाया,वहा आदित्यपुर नगर निगम ने लगाया उद्घाटन का शिलापट्ट

आदित्यपुर नगर निगम के निवासियों का मानना है कि जांच हुआ तो आदित्यपुर नगर निगम में योजना घोटाला सामने आ सकता है! मामला, वार्ड 13 और 15 के बीच बने नाला का है. वार्ड 13 और 15 के सीमा क्षेत्र पर बसे पशुपति कॉलोनी का है.

कॉलोनी के लोग नाला के पानी से परेशान होकर वार्ड 13 और 15 के बीच चंदा कर करीब 60 हजार रुपये की लागत से 2021 में ह्यूम पाइप नाला का निर्माण कराया था, अब वहां एक घर के दीवार पर निगम का शिलापट्ट लगा कर दर्शाया गया है कि यह ह्यूम पाइप नाला, निगम के द्वारा निर्मित कराया गया है. इस बात की जानकारी जब कॉलोनी वासियों को लगी और एक दीवार पर योजना का शिलापट्ट देखा तो आश्चर्य जताया. आश्चर्य इस बात की भी है कि हु ब हु शिलापट्ट, उतनी ही राशि की वार्ड 15 में भी लगाया गया है, केवल पार्षद का नाम अलग अलग है. बस्तीवासियों ने नगर निगम के इस कार्य पर घोर आपत्ति जताते हुए विरोध दर्ज किया है और योजना का घोटाला किये जाने का आरोप लगाया है. हालांकि वार्ड 13 की पार्षद नील पद्मा विश्वास ने दूरभाष पर बताया कि वह कॉलोनी वासियों की समस्या से मेयर को अवगत कराया था तब उन्होंने अपने फंड से कॉलोनी में नाला बनाने की बात कही थी. लेकिन योजना कब शिलान्यास हुआ, काम संवेदक ने कब किया इसका मुझे कोई जानकारी नहीं है.

अब सवाल उठता है कि जब कॉलोनी वासियों ने चंदा कर नाला निर्माण कराया तो नगर निगम का बोर्ड कैसे लगा? आखिर नगर निगम का शिलापट्ट लगाने का उद्देश्य क्या है? क्या योजना की राशि का बंदर बांट हुआ है,यह पूरा मामला जांच का विषय है।

इस संदर्भ में आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त का कहना है कि शीला पट लगाने के मेयर एवं वार्ड सदस्य से जानकारी लिया जा सकता है वही निगम के सहायक अभियंता विनोद कुमार से फोन पर पक्ष लेने का प्रयास किया पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया l

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