Jamshedpur. रघुवर दास ने ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार देर रात ओडिशा के राज्यपाल पद से रघुवर दास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. साथ ही पांच नये राज्यपालों की नियुक्ति की है. डॉ हरि बाबू कंभमपति को रघुवर दास की जगह ओडिशा के राज्यपाल की जवाबदेही दी गयी है. झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में दास की अब भाजपा के संगठन में वापसी प्लान तैयार किया जा रहा है. वह राजनीति की नयी पारी की फिर शुरुआत कर सकते हैं. उन्हें केंद्र या फिर प्रदेश के संगठन में बड़ी जवाबदेही मिल सकती है. जनवरी के अंत तक भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में फेरबदल की संभावना है. ऐसे में रघुवर दास का अचानक राज्यपाल के पद से हटने को लेकर कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं.
भाजपा सूत्रों की मानें, तो श्री दास को केंद्रीय टीम में बड़ी जवाबदेही दिये जाने की संभावना है. श्री दास झारखंड भाजपा के अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय टीम में उपाध्यक्ष की भूमिका निभा चुके हैं. वह अच्छे संगठनकर्ता माने जाते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. श्री शाह से मिलकर उन्होंने संगठन में जवाबदेही निभाने की इच्छा जतायी थी. भाजपा के अंदरखाने तब से श्री दास की वापसी की संभावनाओं को बल मिला था.
पिछले साल बनाए गए थे गवर्नर
रघुवर दास को 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उन्हें 31 अक्टूबर 2023 को राजभवन, भुवनेश्वर के न्यू अभिषेक हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में ओडिशा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश माननीय डॉ. न्यायमूर्ति विद्युत रंजन सारंगी द्वारा ओडिशा के राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई थी.
इस बार बहू ने जीता चुनाव
वहीं 2024 के विधानसभा चुनाव में उनकी बहू पूर्णिमा साहू ने उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर ईस्ट से चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस के अजय कुमार को करीब 42 हजार वोटों के अंतर से हराया है.
बीजेपी के फाउंडर मेंबर में होती है गिनती
रघुवर दास का नाम उन कद्दावर नेताओं में आता है जो बीजेपी के फाउंडर मेंबर थे. दास 1977 में जनता पार्टी में शामिल हुए, इसके बाद साल 1980 में उन्होंने संस्थापक सदस्य के रूप में बीजेपी की सदस्यता ली. उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के विभिन्न पदों पर काम किया.