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Agniveer Shaheed: असम सीमा पर झारखंड का बेटा अग्निवीर अर्जुन महतो हुआ शहीद, 11 माह पहले ही सेना में हुआ था शामिल

Devghar. चंदनकियारी प्रखंड के फतेहपुर निवासी लंकेश्वर महतो के पुत्र अग्निवीर जवान अर्जुन कुमार महतो (22 वर्ष) असम सीमा पर ड्यूटी के दौरान गोली लगने से शहीद हो गये. उनकी बहाली 2023 में हुई थी. वह असम के सिलचर मसिमपुर मिलिट्री कैंप में तैनात थे. घटना 22 नवंबर की अलसुबह दो बजे की है. घटना के बाद फौज के अधिकारियों ने परिजनों को सूचना दी. रविवार को असम से शहीद का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से कोलकाता लाया गया, जहां से एंबुलेंस से सड़क मार्ग से शहीद का पार्थिव शरीर अमलाबाद ओपी लाया गया. वहां जवान की एक झलक पाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी.

ओपी से गाजे-बाजे के साथ शहीद अर्जुन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव फतेहपुर लाया गया. शव पहुंचते ही माता, पिता, बड़े भाई और तीनों बहनें दहाड़ मार कर रोने लगे. पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. हर किसी की आंखें नम थीं. शव को देखने के लिए आसपास के गांव के लोग पहुंचे थे. मिलिट्री अधिकारियों ने माता-पिता को उनके शहीद पुत्र के शव का दर्शन कराया. फिर अंतिम संस्कार के लिए शव दामोदर नदी तट पर ले जाया गया, जहां सलामी दी गयी.

शव यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ शामिल हुई. शहीद अर्जुन महतो के पार्थिव शरीर से लिपटा राष्ट्रीय ध्वज को उसके बड़े भाई बलराम महतो के सुपुर्द किया गया. साथ ही सेना की वर्दी, बेल्ट और अन्य सामान भी सौंपा गया. मिलिट्री कैंप की ओर से अंतिम संस्कार के लिए शहीद के परिजन को 59 हजार की राशि दी गयी. कागजी कार्रवाई पूरी होने पर एक माह बाद मुआवजा समेत अन्य लाभ देने की बात कही गयी.
राज्यपाल व सीएम ने शोक जताया
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अग्निवीर अर्जुन महतो के शहीद होने पर दुख जताया है. राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र सेवा में प्राणों की आहुति देनेवाले इस महान योद्धा को कोटि कोटि नमन है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अग्निवीर अर्जुन महतो के शहीद होने पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि परमात्मा वीर शहीद की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों को दुःख की विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे.

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