Jamshedpur. सोनारी से उड़ान भरने के बाद ट्रेनी विमान चांडिल डैम में ही क्रैश हुआ है. ट्रेनी पायलट और इंस्ट्रक्टर के शव बरामदगी के बाद यह बात पक्की हो चुकी है. इसके बावजूद चार दिन बाद भी विमान का सुराग नहीं मिल पाया है. नेवी की टीम ने शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत की. करीब पांच बोट और सोलार की मदद से 15 सदस्यीय दल ने काफी मेहनत की, लेकिन कोई रिजल्ट सामने नहीं आया. अतत: टीम वापस लौट गयी. लगातार हो रही बारिश से चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण डैम के गहरा पानी में एयरक्राफ्ट को तलाश में भारतीय नौसेना की टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शनिवार को भी नौसेना की टीम विमान की तलाश करेगी.
इधर, डीजीसीए ने सभी विमानों की जांच की है. इसके बाद ट्रेनी का बयान लिया गया है. डीजीसीए की टीम सुबह करीब 10 बजे से ही सोनारी एयरपोर्ट में कागजो की जांच करती रही. डीजीसीए की टीम ने यहां आने के बाद एयर ट्राफिक कंट्रोलर से भी पूछताछ की है. इस जांच में पाया गया कि डीजीसीए की ओर से ही उक्त फ्लाइट जो दुर्घटना की शिकार हुई है, उसको मंजूरी दी गयी है. इसके अलावा एयरवर्दिनेस का भी सर्टिफिकेट दिया गया है. इस मामले में डीजीसीए के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से साफ इनकार किया है. इधर,अलकेमिस्ट एविएशन के प्रोपराइटर मृणाल कांति पाल ने कहा कि इस घटना से हम लोग मर्माहत है. नियम के तहत जो बीमा कराया गया था, उस बीमा के तहत दोनों मृतकों के परिजनों को नियमत: 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक फ्लाइट के कंडम होने की बात है तो यह आरोप सीधे तौर पर गलत है.