New Delhi. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि एग्जिट पोल और उससे उपजी उम्मीद परेशानी पैदा कर रही है. यह प्रेस विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विचार-विमर्श और आत्मनिरीक्षण का विषय है. पिछले कुछ चुनावों को एक साथ देखने पर कई चीजें पता चलती हैं. एग्जिट पोल का सैंपल साइज क्या था. सर्वे कहां हुआ था. नतीजे कैसे आये और अगर चुनाव परिणाम के उस नतीजे से मेल नहीं खाने पर जिम्मेदारी किसकी होगी. यह सब नियंत्रित करने की जरूरत है. आम तौर पर मतगणना का कार्य चुनाव समाप्त होने के तीसरे दिन होता है. शाम छह बजे से शुरू होने वाले एग्जिट पोल से उम्मीदें बढ़ जाती हैं. लेकिन, सार्वजनिक खुलासे में पता चला कि एग्जिट पोल का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. जब वास्तविक नतीजे आने शुरू होते हैं, तो एग्जिट पोल बेमेल लगने लगता है. यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. इस मुद्दे पर विचार-विमर्श की जरूरत है.