Breaking NewsNational NewsSlider

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों के लिए विभागों के बीच रेफर करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए

नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया में विसंगतियों और जवाबदेही की कमी का जिक्र करते हुए पहली बार अस्पतालों के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग में रेफर करने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. रेफर करने से संबंधित जारी किए गए दिशा-निर्देश (अस्पतालों के भीतर) में इस बात पर जोर दिया गया है कि जब भी मरीजों को विशेष देखभाल, नैदानिक ​​मूल्यांकन या परामर्श की आवश्यकता हो, तो रेफर करने की प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सात जून को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी परामर्शदाता की राय के लिए केवल परामर्शदाताओं द्वारा ही रेफर किया जाना चाहिए तथा स्नातकोत्तर रेजिडेंट चिकित्सक अपने परामर्शदाताओं से चर्चा किए बिना अपने आप रेफर नहीं कर सकते.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने दस्तावेज में कहा कि रेफर करने की प्रक्रिया किसी भी चिकित्सा संस्थान में रोगी की उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल का एक महत्वपूर्ण घटक है.

डॉ. गोयल ने कहा कि खराब समन्वय और संचार, अस्पष्ट प्रक्रियाएं, गैर-मानकीकृत प्रारूप और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए अपर्याप्त प्रशिक्षण जैसी समस्याएं आम हैं और ये समस्याएं रोगियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. उन्होंने कहा कि भूमिकाएं अक्सर निर्धारित नहीं होने की वजह से रोगी के इलाज में विलंब होता है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है कि रेफर किए जाने का एक मजबूत और कुशल तंत्र भी रेजीडेंट के प्रशिक्षण का एक अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए, जो आगे चलकर उनके लिए बहुत उपयोगी होगा.

इस दिशा-निर्देश में कहा गया कि हालांकि किसी भी अंतर-विभागीय रेफर करने की प्रक्रिया में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जिसे दूर करने के लिए अस्पतालों को मानकीकृत प्रोटोकॉल लागू करना होगा.

Share on Social Media
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now