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चेकपोस्ट लगा अवैध बालू ढुलाई पर लगाई जाएगी रोक : उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां l अवैध बालू कारोबारी जिला प्रशासन की मंशा को असफल करने के लिए सरकारी कार्यालय अवधि के बाद कर रहे हैं बालू का उत्खनन एवं कारोबार ?

चेकपोस्ट लगा अवैध बालू ढुलाई पर लगाई जाएगी रोक: उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां l अवैध बालू कारोबारी जिला प्रशासन की मंशा को असफल करने के लिए सरकारी कार्यालय अवधि के बाद कर रहे हैं बालू का उत्खनन एवं कारोबार ?

एक पखवाड़े के बाद आदित्यपुर नगर निगम वार्ड एक स्थित सांपड़ा घाट पर फिर से बालू का अवैध उत्खनन और ढुलाई चालू हो गया है,लेकिन इस बार बालू माफियाओं ने पैंतरा बदल  सुबह 4 बजे से सुबह 11 बजे (आफिस खुलने का समय) तक बालू का अवैध उत्खनन और ढुलाई कर रहे हैं। जिले के डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि बालू ढुलाई रोकने के लिए कारगर उपाय किया जाएगा। उन्होंने संवाददाता से कहा कि अवैध बालू उत्खनन और ढुलाई रोकने के लिए चेकपोस्ट लगाया जाएगा। शनिवार को गम्हरिया सीएचसी निरीक्षण के उपरांत डीसी अरवा राजकमल ने उक्त बातें कही। मालूम हो कि डीसी के आदेश पर पिछले दिनों बालू माफियाओं के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए के सरायकेला एसडीओ राम कृष्ण कुमार के नेतृत्व में जिला खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार ,चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा, अंचल अधिकारी गम्हरिया मनोज कुमार की संयुक्त टीम ने सांपड़ा-गौरी घाट पर छापेमारी कर बड़े पैमाने पर बालू का अवैध उत्खनन और ढुलाई का भंडाफोड़ किया था। टीम ने वहां से लगभग 50-60 डोंगा (नदी से बालू उत्खनन करने में लगने वाले) बरामद किया था। हालांकि छापेमारी की सूचना बालू माफियाओं को पहले मिल जाने से एक भी ट्रैक्टर या हाइवा नहीं मिला था। जिला प्रशासन की सख्ती के कुछ दिनों तक बालू का उत्खनन और ढुलाई बंद था। इसके बाद जिला खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार और गम्हरिया सीओ मनोज कुमार ने बालू घाटों का निरीक्षण कर बैरिकेडिंग करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही जमीन पर नहीं दिख रही है। इससे बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ गया है और वे दिन के उजाले में बालू उत्खनन और ढुलाई कर जिला प्रशासन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन के सरंक्षण में अवैध बालू का खेल चल रहा है। लोगों ने बताया कि  मैनेज करने के लिए नदी के दोनों ओर दो माफियाओं को जिम्मा सौंपा गया है। जहां प्रति सप्ताह ,प्रति ट्रैक्टर 2 हजार और प्रति हाइवा 5 हजार रुपए जमा किया जाता है। इस मामले को लहर चक्र मासिक पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आई और कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि मामला ठंडा पड़ने पर बालू माफिया फिर से बालू का खेल शुरू कर दिए है।
एके मिश्र

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