Crime NewsJharkhand NewsNational NewsSlider

Jaipur-Mumbai Express shootout: पालघर ट्रेन गोलीबारी कांड में पूर्व RPF कर्मी पर हत्या, शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप तय

  • पिछले साल 31 जुलाई को महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में चार लोगों को मारी गयी थी गोली

Mumbai. मुंबई की एक अदालत ने पिछले साल पालघर में एक चलती ट्रेन में चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी रेलवे सुरक्षा बल के बर्खास्त कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर बुधवार को धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और हत्या के आरोप तय किए.
मुंबई से करीब 550 किलोमीटर दूर अकोला की एक जेल में बंद चौधरी को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसके खिलाफ आरोप तय किए. इससे उसके खिलाफ मामले में मुकदमा शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

यह घटना पिछले साल 31 जुलाई को महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में हुई थी. चौधरी को बाद में भागने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया था और उसके पास से हथियार भी बरामद किया गया था. यात्रियों ने ट्रेन की चेन खींच दी थी, जिसके बाद ट्रेन मीरा रोड स्टेशन (मुंबई उनगरीय नेटवर्क) पर रुक गई थी. चौधरी ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा और तीन अन्य यात्रियों को चलती ट्रेन में कथित तौर पर गोली मार दी थी.
उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और अन्य तथा रेलवे अधिनियम एवं महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं.
जब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन एल मोरे ने अपराध के बारे में आरोपी से सवाल किए, तो चौधरी ने अनजाने में दोष स्वीकार कर लिया. हालांकि, जब उसके वकीलों ने बात की, तो उसने अपना बयान बदलकर खुद को बेकसूर बताया. इससे पहले, आरोप तय करने पर बहस करते हुए अभियोजन पक्ष ने अदालत को घटना और उसमें चौधरी की कथित भूमिका के बारे में बताया. बहरहाल, चौधरी के वकील जयवंत पाटिल और सुरेंद्र लांडगे ने कहा कि आरोपी स्वस्थ नहीं था और उसे आराम की जरूरत थी. उन्होंने दावा किया कि अगर उसे आराम दिया गया होता, तो यह घटना नहीं होती.
भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत आरोप तय किए जाने पर बचाव पक्ष ने दावा किया कि यह सही नहीं है, क्योंकि एक महिला को छोड़कर किसी भी गवाह ने यह दावा नहीं किया कि चौधरी ने सांप्रदायिक बयान दिए थे.

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए मामले पर अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी. इस बीच, अदालत ने चौधरी को अदालत परिसर के भीतर अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी. मीडिया से बातचीत में चौधरी की पत्नी ने दावा किया उसका पति स्वस्थ नहीं था, उसके दिमाग में खून का थक्का था और इसलिए उसे घटना के बारे में कुछ नहीं पता है.

Share on Social Media
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now