Jharkhand NewsSlider

Jharkhand High court : बंग्लादेशी घुसपैठ मामले में केंद्र से जवाब दाखिल नहीं किये जाने पर हाइकोर्ट नाराज

Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा आदि क्षेत्रों में बंग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जवाब दायर नहीं कर समय मांगने पर कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मामला होने के बावजूद केंद्र सरकार सहित अन्य प्रतिवादी जवाब दायर करने के लिए समय मांग रहे हैं.

आदिवासियों की आबादी घटती जा रही है और केंद्र सरकार चुप है. यहां तक की आदिम जनजाति के सदस्यों की संख्या भी घट रही है. उनकी सुरक्षा के लिए सीएनटी, एसपीटी एक्ट भी लागू है. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि अंडमान-निकोबार में जैसे ट्राइबल अपने क्षेत्र में किसी को घुसने नहीं देते है, यहां भी वहीं स्थिति चाहते हैं क्या? केंद्र सरकार कब तक चुप रहेगी? मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए किया गया था. ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के झारखंड में प्रवेश को रोकने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. आइबी 24 घंटे काम करती है, लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अपना जवाब दाखिल नहीं कर पा रही है.

बीएसएफ की भी बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रतीत होता है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के मामले में केंद्र सरकार का रुख सकारात्मक नहीं दिख रहा है. खंडपीठ ने आगे कहा कि मामले में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है, लेकिन केंद्र सरकार जवाब दायर करने के लिए चार से छह सप्ताह का समय मांग रही है. केंद्र सरकार द्वारा चार सप्ताह मांगे जाने संबंधी हस्तक्षेप याचिका (आइए) को खंडपीठ ने खारिज करते हुए केंद्र सरकार को दो सप्ताह के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने पांच सितंबर की तिथि निर्धारित की.

Share on Social Media
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now