Ranchi.झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद जनहित याचिका को बंद करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया. सीबीआइ की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने खंडपीठ को बताया कि जज उत्तम आनंद हत्या मामले में अनुसंधान पूरा हो गया है. अनुसंधान के दौरान सीबीआइ को मामले में बड़ी साजिश के कोई सबूत नहीं मिले. इसे देखते हुए सीबीआइ की ओर से विशेष अदालत में मामले में फाइनल फॉर्म दाखिल किया जा चुका है.
इस हत्याकांड में दो अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट हुई थी, उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है. धनबाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने मामले की स्पीडी ट्रायल किया था. छह अगस्त 2022 को दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनायी थी. साथ ही उन पर अदालत ने 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक के दौरान धनबाद के जज उत्तम आनंद को एक ऑटो ने टक्कर मार दी थी. टक्कर में वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गयी. मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. बाद में हाइकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी.