NEET-UG में गड़बड़ी को लेकर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आद सुनवाई होनी है. इससे एक दिन पहले केंद्र और NTA ने बुधवार (10 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर किए. केंद्र ने अपने एफिडेविट बताया कि NEET काउंसलिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते से शुरू होगी. काउंसलिंग चार राउंड में की जाएगी.
केंद्र ने कहा कि IIT मद्रास ने NEET-UG के रिजल्ट का डेटा विश्लेषण किया है. इसके अनुसार परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली के सबूत नहीं मिले हैं. न ही किसी एक एरिया के उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया गया है. इसलिए हम दोबारा परीक्षा नहीं करवाना चाहते.
सरकार ने कहा कि बेबुनियाद शक के आधार पर रिटेस्ट करवाने से लगभग 24 लाख छात्रों पर बोझ पड़ेगा, जो 5 मई को परीक्षा में शामिल हुए थे. अगर किसी कैंडिडेट को परीक्षा में कोई फायदा मिला होगा, तो उसकी काउंसलिंग किसी भी राउंड में या उसके बाद भी रद्द कर दी जाएगी.
NEET परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपने एफिडेविट में बताया कि उसने राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर NEET-UG 2024 में मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन का विश्लेषण किया है.
NTA के मुताबिक, सभी राज्यों में पेपर लीक नहीं हुआ है. इसलिए पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जाना चाहिए. NTA ने यह भी कहा कि उन्हें गोधरा और पटना के कुछ सेंटर्स पर गड़बड़ी की जानकारी मिली है.
यहां परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स के रिजल्ट की जांच की गई है, ताकि ये पता चल सके कि गड़बड़ी का असर कितना हुआ है. जांच में पता चला कि ऐसे सेंटर्स से किसी भी कैंडिडेट ने असामान्य तौर पर बहुत हाई स्कोर नहीं किया है. वहीं, इन सेंटर्स के कैंडिडेट्स का स्कोर देश के नेशनल एवरेज स्कोर से भी कम है.
NEET विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने दूसरी सुनवाई होनी है. इससे पहले CJI की बेंच ने 8 जुलाई को मामले की पहली सुनवाई की थी. कोर्ट ने NEET विवाद से जुड़े 4 स्टेक होल्डर्स – NTA, CBI, केंद्र सरकार और रीटेस्ट की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी थी.