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NEET:नीट-यूजी पेपर लिक मामला: सीबीआई को सौंपी गयी जांच, हटाये गये एनटीए के महानिदेशक

* देवघर से बिहार के छह आरोपी गिरफ्तार, एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख क की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित

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* एहतियाती उपाय के तौर पर नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित

New Delhi. प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित विसंगतियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी.

शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया. इससे पहले मंत्रालय ने नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित कर दी.

अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “हम पारदर्शी, गड़बड़ी और त्रुटि रहित परीक्षाओं के पक्षधर हैं. परीक्षा सुधारों को लेकर एक समिति गठित की गई है. अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नीट-यूजी में किसी भी अनियमितता के लिए जिम्मेदार या इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक (डीजी) सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर हाल ही में लगे आरोपों के मद्देनजर “एहतियाती उपाय” के तौर पर एक रात पहले नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की.

अधिकारियों के अनुसार, सुबोध कुमार सिंह को अगले आदेश तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में “अनिवार्य प्रतीक्षा” में रखा गया है.
भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक एनटीए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय अपने इस रुख पर कायम रह सकता है कि बिहार पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा को रद्द करने की जरूरत नहीं है. पुलिस का तर्क है कि जांच से पता चलता है कि पटना में कथित पेपर लीक एक “स्थानीय मामला” था.

*मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु समेत 13 लोगों को गिरफ्तार*

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस ने शुक्रवार रात झारखंड के देवघर जिले से छह और लोगों को हिरासत में लिया. पिछले महीने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने कथित पेपर लीक के सिलसिले में मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. ईओयू ने एनटीए से नीट-यूजी 2024 के संदर्भ प्रश्न पत्र प्राप्त किए हैं, जिनकी पिछले महीने पटना में तलाशी के दौरान एक फ्लैट से बरामद किए गए कागजातों से तुलना की जाएगी। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

आरोपियों की नार्को टेस्ट और ‘‘ब्रेन मैपिंग’’

पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में आरोपियों का ‘‘नार्को टेस्ट’’ और ‘‘ब्रेन मैपिंग’’ कराने की संभावना भी तलाश रही है. सूत्रों ने यह संकेत भी दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मई में एनटीए द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं के धनशोधन पहलू की जांच कर सकता है.

उच्चतम न्यायालय में एक नयी याचिका भी दायर

उच्चतम न्यायालय में एक नयी याचिका भी दायर की गई है जिसमें नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई और ईडी को निर्देश देने की मांग की गई है. परीक्षा देने वाले 10 छात्रों की याचिका में बिहार पुलिस को मामले की जांच में तेजी लाने और उच्चतम न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है.
शीर्ष अदालत ने पहले कई याचिकाओं पर केंद्र, एनटीए और अन्य से जवाब मांगा था, जिनमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल थीं.
शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित इसी तरह की याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी.

अनियमितताओं पर अंकुश के लिए कानून लागू

केंद्र सरकार ने एक कड़ा कानून भी लागू किया है जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार व अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है, जिसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात कानून को अधिसूचित कर दिया.

समीक्षा समीति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया भी

इस समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बी जे राव और आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं. पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं.

*केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बोले: छात्रों के हितों की रक्षा करनी है*

प्रधान ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह उन लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है. एनटीए की भूमिका की किसी भी जांच के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा, “मैंने पहले ही कहा है कि संस्थागत विफलता हुई है. मैंने जिम्मेदारी ली है। एनटीए का शीर्ष नेतृत्व कई तरह के सवालों के घेरे में है। लेकिन मुझे सबसे पहले छात्रों के हितों की रक्षा करनी है। मैं उनके हितों का संरक्षक हूं।”

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