सरायकेला-खरसावां जिला सहकारिता विभाग द्वारा वन चेतना केंद्र में एक दिवसीय कृषि एवं वनोपज कार्यशाला के आयोजन में उमड़ी भीड़
झारखंड राज्य के सरायकेला खरसावां जिला के जिला मुख्यालय स्थित वन चेतना केंद्र में जिला सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित कृषि एवं वनोपज जीविकार्जन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसमें कृषि एवं वनोपज से जोड़कर कृषक परिवारों की भीड़ उमड़ पड़ी।अधिक से अधिक कृषि एवं वनोपज परिवार को लाभ देने से संबंधित कई लक्ष्य निर्धारित किए गए।
सिद्धू-कान्हू कृषि वनोपज जिला सहकारी संघ के तत्वाधान में आयोजित हुए कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में जिले के उपायुक्त सह संघ के अध्यक्ष अरवा राजकमल शामिल हुए।
आयोजित कार्यशाला में उपायुक्त ने कृषक परिवारों को कृषि एवं वनोपज के तहत कार्यक्रमों से जोड़कर अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने संबंधित योजनाओं पर चर्चा कर कार्यक्रमों को सराहनीय बताया।उपायुक्त ने बताया कि सिद्धू-कान्हू कृषि एवं वनोपज सहकारी संघ से सभी लैंपस को जोड़ा जाएगा।इसके तहत कृषक परिवारों से जुड़े एक-एक महिला सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर संघ से जोड़कर लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगाl उपायुक्त ने बताया कि संघ के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने की भी योजना तैयार की गई है।
कार्यशाला में उपायुक्त के अलावा संघ के प्रबंध निदेशक सह डीएफओ आदित्य नारायण, जिला सहकारिता पदाधिकारी सह संघ के सचिव अशोक तिवारी ,आईटीडीए निदेशक संदीप दोराईबुरु, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप भगत के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। क्षेत्र के कृषक एवं वनोपज परिवार काफी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि कृषि एवं वनोपज के माध्यम से संघ से किसानों को जोड़ते हुए उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा ।खाद्यान्न का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त कराना, खाद्य एवं प्रसंस्करण के संबंध में जानकारी प्रदान करना, वनों से जुड़े उत्पादों को मार्केटिंग से जोड़ना ही मुख्य उद्देश्य है। जिले में कुल 138 लैंपस है, जिनमें से फिलहाल 17 लैंपस संघ से जुड़े हैं।उपायुक्त ने कहा कि सभी लैंपस को जोड़ने को लेकर प्रयास किए जाएगा। जिससे सभी को लाभ पहुंच सके।
ए के मिश्र