झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल एवं करोना की कोहराम से चिंतित आवाम।
झारखंड में एक ओर करोना महामारी चरम पर पहुंचकर हाहाकार मचा रहा है, वहीं इस विकट परिस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार के नेतृत्व में झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल मानो और विकराल रूप पैदा कर देगा। सरकार को अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए इसे शीघ्र ही समाधान की दिशा में प्रयास करना चाहिए ताकि आम जनता की चिकित्सा से महरूम बदहाल होती जिंदगी को राहत मिल सके और ससमय समुचित इलाज हो सके। झारखंड राज्य में अनुबंध पर बहाल स्वास्थ कर्मियों की संख्या लगभग 12000 है, पूर्व में भी इन लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन किया था। जिसके आलोक में पूर्व की सरकार द्वारा इन्हें स्थाई करने और इनको मांगों को मानने की दिशा में आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक आश्वासन कोरा आश्वासन ही बनकर रह गया, इसे लेकर ही अनुबंध कर्मी अपनी पूर्व की मांगों को लेकर पुनः आंदोलन की मूर्त रूप देने लगे हैं। इस आंदोलन में लैब टेक्निशियम ,ए एन एम ,जी एन एम, फार्मासिस्ट एवं अन्य कर्मचारी शामिल है। जिससे इस कोरोना काल में आम जनता की स्थिति और दयनीय और बदहाल हो जाएगी।
* कर्मचारियों की मांगे सीधे समायोजन, स्थाई कर्मी के तर्ज पर वेतन ,अन्य राज्यों की तुलना मे प्रोत्साहन राशि सहित कई मांगे शामिल है।* कोरोना संकट काल में अपनी जान की बाजी लगाकर आम जनता की सेवा कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को इन कर्मचारियों की मांगों पर त्वरित कार्रवाई और समाधान की दिशा में पहल करते हुए समाधान निकालने की दिशा में पहल करने की जरूरत है । अपनी मांगों को लेकर अनुबंध चिकित्सा कर्मी प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर आंदोलित है l स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल से
सदर अस्पताल, जिला सर्विलेंस विभाग,कोविड, ओपीडी ,लेबर रूम एवं इमरजेंसी सेवा पर सीधा असर पड़ेगा। एके मिश्र
झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल एवं करोना की कोहराम से चिंतित आवाम।
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