Jamshedpur. टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा कि टाटा स्टील चुनौतियों से निबटने की तैयारी कर रही है. कंपनी के अंदर नौकरी को लेकर डर का माहौल नहीं है. चाणक्य चौधरी ने गणतंत्र दिवस परेड के बाद कंपनी परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में कंपनी के समक्ष चुनौतियां हैं. इन सारी चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास हो रहा है. इस कारण जितनी बरबादी है, उसको रोका जा रहा है. कई सारे ऐसे खर्च है, जो इस तरह की बड़ी कंपनियों में नहीं दिखती है, उसकी पहचान कर खर्च को कम किया जा रहा है. चीन के कराण चुनौतियां काफी बढ़ी है.
भारत में चीन का हर माह 8 मिलियन टन स्टील का आयात हो रहा है, यह चुनौती है. सीधे चीन से या फिर दक्षिण पूर्व एशिया के माध्यम से जिन देशों में एफटीए हुआ है, उसके माध्यम से स्टील भेजे जा रहा है. केंद्र सरकार के पास इस मसले को उठाया गया है और उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द बेहतर फैसला लेगी. चाणक्य चौधरी ने कहा कि खर्च को कम करना बड़ी चुनौती है और कई खर्च को कम किया जा रहा है.
चाणक्य चौघरी ने बताया कि टाटा स्टील ने चीन के स्टील के बढ़ते आयात की जानकारी केंद्र सरकार को दी है. केंद्र सरकार की टीम इसका आकलन कर रही है. इसके डेटा मंगाये गये थे. इन सारे डेटा को सरकार को सौंपा जा चुका है. सरकार की ओर से कई सारी जानकारी मांगी गयी थी, जो उपलब्ध करायी गयी है. सरकार का विभाग डीजीटीआर इसके लिए काम कर रहा है. श्री चौधरी ने कहा कि स्टील का डिमांड देश में जितना है, उतना डिमांड को भारतीय कंपनी ही दे, यह भी आकलन किया जा रहा है, जिसके बाद ही रोकने जैसी कार्रवाई की जायेगी.
जब भी चुनौतियां आयी हैं, मैनपावर को रिसाइज किया है
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि टाटा स्टील में जब भी चुनौतियां आयी है तो मैनपावर को रिसाइज किया गया है. कई सारी कंपनियों का समायोजन हुआ है तो संसाधन और मैनपावर दोनों बढ़े है. ऐसे में हम लोगों को जरूरत के हिसाब से मैनपावर कई जगहों पर तय कर रहे है. सरप्लस पुल में पहले से ही लोग रहे है.
1990 के दशक से ही जब भी चुनौतियां आयी तो इस तरह के कदम उठाये गये है. इएसएस और एसबीकेवाइ जैसी आकर्षक योजनाएं लायी गयी है ताकि कर्मचारी सुरक्षित रहे. इस कारण इसको लेकर कोई डर का माहौल नहीं है. जरूरत के हिसाब से बेहतर भविष्य कर्मचारियों का रहे, यह कोशिश करते हुए हम लोग काम कर रहे है.