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नगर विकास विभाग ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर ट्रिपल टेस्ट कराने की अनुशंसा की खारिज, निकाय चुनाव में होगा विलंब

  • पिछड़ा वर्ग आयोग का तर्क पिछड़ों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जातीय जनगणना ही सही 
  • बिहार के ट्रिपल टेस्ट व निकाय चुनाव का अध्ययन करने आयोग की टीम 19 जून को जायेगी बिहार 

RANCHI. झारखंड में निकाय चुनाव कराने का मामला फिर लटक सकता है. झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मध्य प्रदेश की तर्ज पर पिछड़े वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित करने की अनुशंसा के फॉर्मेट को नगर विकास विभाग ने नकार दिया है. विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के थ्री लेयर सर्वे कराने की बात ती तर्ज पर इसे आगे बढ़ाने को कहा है ताकि कोर्ट में इसे चुनौती नहीं दी जा सके.

पिछले दिनों ट्रिपल टेस्ट के अध्ययन के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की चार सदस्यीय टीम मध्य प्रदेश गयी थी. वहां मतदाता सूची में ओबीसी की संख्या जांची गयी और उसके आधार पर वार्डों को ओबीसी के लिए आरक्षित कर दिया गया था. इसे नगर विकास विभाग ने नकार दिया है. नगर विकास विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत थ्री लेयर टेस्ट कराने का सुझाव दिया है. इसके तहत पिछड़े वर्ग की संख्या का परीक्षण और उसका सत्यापन किया जाना है. इसमें यह भी ध्यान रखना है कि एसटी, एससी और ओबीसी मिलाकर किसी भी हाल में 50 प्रतिशत से अधिक सीट आरक्षित नहीं हो.राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग चार सदस्यीय टीम को बिहार भेजेगा जो वहां निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट कराकर सीट आरक्षित करने के आधार पर रिपोर्ट देगा.

जनवरी में ही तीन हफ्ते में चुनाव कराने का दिया था आदेश

निकाय चुनाव कराने के मामले की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में चल रही है. जनवरी में ही हाइकोर्ट ने तीन हफ्ते में चुनाव कराने का आदेश दिया था. पर सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि ट्रिपल टेस्ट के बाद ही यह संभव हो सकेगा. फिलहाल मामला लंबित है.

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