Dhaka. बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को भीषण झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित 97 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। इसके चलते अधिकारियों ने मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी और अनिश्चितकाल के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया.
सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे पर हुए बवाल को लेकर सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रविवार को ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे. अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई.
‘प्रोथोम अलो’ अखबार ने अपनी खबर में बताया कि ‘असहयोग’ आंदोलन को लेकर देशभर में हुई झड़पों, गोलीबारी और जवाबी हमलों में कम से कम 97 लोगों की जान चली गई. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, देशभर में 14 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की खबर है, जिनमें से 13 सिराजगंज के इनायतपुर थाने के थे. अखबार के अनुसार, कोमिला के इलियटगंज में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी. इसके अलावा 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि आज के विरोध प्रदर्शन में अज्ञात लोग और दक्षिणपंथी इस्लामी शासन तंत्र आंदोलन के कार्यकर्ता शामिल हो गए, जिन्होंने कई प्रमुख राजमार्गों और राजधानी की अंदरूनी सड़कों पर अवरोधक लगा दिए. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया तथा कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया. सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया है. अखबार ने बताया कि मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है.
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा. उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटा जाए.’ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से अखबार ने खबर में बताया कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया.