झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर एवं गम्हरिया क्षेत्रों में इन दिनों बढ़ती अपराधिक घटनाएं और हो रही हत्याओं को लेकर सभी राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों में रोष है। एक माह के अंदर कई हत्याएं हुई है। इचागढ़ के पूर्व विधायकअरविंद सिंह के साले और व्यवसाई कन्हैया सिंह के घर में घुसकर बर्बरता पूर्ण हत्या से पूरे जिले ही नहीं पूरे राज्य में सनसनी फैला हुआ है। आम जनता राज्य में गिरती विधि व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं और सरकार को कटघरे में खड़ा करने लगे हैं ।वही हत्या के विरोध में आज सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के लोगों द्वारा आदित्यपूर थाना पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन के खिलाफ तरह-तरह के नारे लगाते हुए ,अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है ।गिरफ्तारी नहीं होने पर लोगों द्वारा सड़को पर उतरने की चेतावनी दी गई है। वहीं पहुंची स्थानीय सांसद गीता कोड़ा द्वारा खुलेआम यह बातें कही गई ,कि मैं राज्य के मुख्यमंत्रि,स्थानीय विधायक और मंत्री से बात करूंगी ताकि एसपी को शीघ्र हटाया जाएं और उनके ऊपर भी करवाई और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। एसपी को नहीं हटाया जाता है तो लोग एसपी को हटाने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
इन दिनों राज्य के प्रशासनिक एवं राजनीतिक गलियारों में सरायकेला-खरसावां एसपी आनंद प्रकाश को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिस तरह से सरायकेला-खरसावां जिले में अपराधीक गतिविधियां बढ़ी हैं ,और हत्याओं का दौर चालू है। जिससे उद्यमी जगत सहित राजनीतिक गलियारों एवं प्रशासनिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है। चर्चाओं के अनुसार सरायकेला-खरसवा एस पी आनंद प्रकाश के तबादले हो सकते हैं। कुछ माह में ही कई घटनाएं घटी हुई है। दिनदहाड़े हत्या कर दी गई है। कई थानेदार को भी बदल दिए गए है परंतु स्थिति जस की तस बनी हुई है और हत्याएं लगतार हो रही है ।लोगों को ऐसे लगने लगा है कि पदाधिकारियों में आपसी तालमेल का भी अभाव है। जिस कारण से अपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए जिला कप्तान आनंद प्रकाश को हटाए जाने की मांग की जा रही है। इचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह के साले की हत्या ने प्रशासनिक एवं राजनीति गलियारों में भूचाल ला दिया है। संवाददाता ने जब एक वरीय पदाधिकारी से इस संबंध में बात की तो पदाधिकारी द्वारा बताया गया की बढ़ते अपराध की घटनाओं को देखते हुए कुछ भी संभव है।
ए के मिश्र