Ranchi. राज्य सरकार ने जंगल में रहने वाले आदिवासियों व गैर आदिवासी वर्गों को अब नए सिरे से अधिकार देने की योजना को सोमावर को लांच किया. राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट भवन सभागर में एक और महत्वाकांक्षी योजना अबुआ बीर दिशोम अभियान का शुभारंभ किया. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर पहली बार व्यापक अभियान के तहत आदिवासियों और वनों पर निर्भर रहने वाले अन्य सभी लोगों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जाएगा.
बता दें कि महात्मा गांधी की जयंती पर राज्य की 30 हजार से अधिक ग्रामसभाओं ने भाग लेकर जल, जंगल और जमीन इसके संसाधनों की रक्षा के लिए समर्पित और संगठित प्रयास करने के लिए शपथ ली थी. वन अधिकार एक्ट, 2006 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए बीते 3 से 18 अक्टूबर तक ग्राम, अनुमंडल एवं जिलास्तर पर बनाधिकार समिति का गठन/पुनर्गठन किया गया, ये समिति वनों पर निर्भर लोगों और समुदायों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने के लिए उनके दावों पर नियमानुसार अनुशंसा करेगी.
अबुआ बीर दिशोम अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए मोबाइल एप्लीकेशन व वेबसाइट भी तैयार की गयी है. जिसके जरिए आदिवासी और वनों पर निर्भर रहने वाले लोगों को वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा. वन अधिकार समिति द्वारा चिन्हित लोगों को पट्टा देने के लिए सरकार फर्स्ट फेज में दिसंबर तक यह अभियान चलेगा. अगर पिछली सरकार की बात करें तो तत्कालीन रघुवर सरकार ने अगस्त 2016 तक साढ़े तीन लाख आदिवासी परिवारों और अन्य वन निवासियों के बीच वन पट्टा देने का लक्ष्य रखा था. मगर वह पूरा नहीं हो सका.