पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जिला परिषद का कार्यालय क्षेत्र अंतर्गत सरकारी राजस्व की चोरी कर कई ऐसे बहुमंजिला भवन बन रहे हैं,जिनका नक्शा भी स्वीकृत नहीं है.
साथ ही कई ऐसे बहुमंजिला भवन बनाए जा रहे हैं जिनकी जांच कराई जाए तो यह ज्ञात हो जाएगा कि नक्शा तो स्वीकृत है पर निर्माण में व्यापक विचलन हैं.
जिला परिषद कार्यालय के अभियंता गण एवं संबंधित अधिकारी ना तो खुद अवैध भवन निर्माण एवं राजस्व चोरी की मामला पर सक्रिय हैं और ना ही शिकायत मिलने पर फुर्ती दिखाते हैं, जिससे शिकायतकर्ता का मनोबल गिरता है एवं वहीं दूसरी और नाजायज भवन निर्माता का मनोबल ऊंचा होता है.
हां,जिला परिषद कार्यालय द्वारा कुछ एक स्थान पर खाना- पूर्ति करने हेतु नोटिस-नोटिस का खेल जरूर खेला जाता हैं.
अवैध बहुमंजिला भवन निर्माण एवं राजस्व चोरी की मामला में सुस्त दिख रहे जिला परिषद को सूचना देने के 40-45 दिन बाद भी कोई सकारात्मक करवाई अब तक नहीं हो पाया है, जिससे राजस्व के चोरों एवं भ्रष्टाचारियों के मनोबल को बढ़ावा मिल रहा है.
जिला परिषद के एक अभियंता बताते हैं कि परसुडीह थाना अंतर्गत खासमहल की जमीन पर बिना नक्शा स्वीकृत कराए यानि की सरकारी राजस्व की चोरी कर भवन निर्माण की सूचना पाने पर कार्यालय द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया है,निर्माण कार्य जारी रहने पर प्रक्रिया के तहत उक्त अवैध भवन को सील किया जाएगा, पर वास्तव में खास महल की उक्त जमीन पर नाजायज ढंग से भवन निर्माण निरंतर जारी है.
सूत्र बताते हैं कि बिना जिला परिषद कार्यालय के मिली भगत के राजस्व चोरी कर अथवा नक्शा विचलन कर बहु मंजिला भवन अथवा किसी प्रकार का नाजायज भवन का निर्माण कर पाना असंभव है.
जिले के युवा एवं तेज तर्रार उप विकास विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद मनीष कुमार की व्यस्तता का लाभ उठाकर जिला परिषद के अभियंता गण एवं कर्मचारी कब तक राजस्व चोरी कर नाजायज रूप से बन रहे भवन निर्माण के मामले को कब तक पेंडिंग में रखेंगे ,यह भविष्य के गर्त में है.
कुमार मनीष,9852225588