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JMM के अभेद्य किला! सरायकेला, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा और डुमरी सीट, जिन पर अपराजेय रहा है तीर-कमान; इस बार चंपाई के सहारे सेंध लगाने की जुगत में BJP

Jamshedpur.झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. 81 सीटों वाले विधानसभा की कुछ सीटें ऐसी हैं, जिस पर सिर्फ झामुमो का दबदबा रहा है. बरहेट, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा, डुमरी और सरायकेला विधानसभा क्षेत्र झामुमो के गढ़ कहे जाते हैं, यहां से कोई दूसरी पार्टी जीत हासिल नहीं कर सकी है. बरहेट झामुमो की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. यहां से हेमंत सोरेन विधायक हैं. बरहेट से हेमंत 2014 और 2019 में विजयी रहे हैं. एक बार फिर हेमंत सोरेन बरहेट से ही चुनाव लड़ेंगे. शिकारीपाड़ा सीट पर झामुमो से नलिन सोरेन अपराजेय रहे हैं. वे 2000 से ही यहां से विधायक थे, लेकिन अब वे दुमका से लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली चले गये. इसलिए उन्हें यहां से इस्तीफा देना पड़ा. डुमरी विधानसभा सीट भी झामुमो का एक अभेद्य किला है. झारखंड गठन के बाद से यहां पर किसी और पार्टी ने जीत हासिल नहीं की है. यहां से झामुमो के कद्दावर नेता रहे जगरनाथ महतो ने 2005 से 2019 तक लगातार जीत दर्ज की. उनके निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी को यहां से टिकट दिया और उन्होंने भी इस सीट पर जीत दर्ज करते हुए झामुमो के गढ़ को सुरक्षित रखा. लिट्टीपाड़ा सीट संथाली और पहाड़िया जनजाति वाले इस विधानसभा क्षेत्र में झामुमो की काफी अच्छी पकड़ है. यहां भी झामुमो कभी नहीं हारी.
सरायकेला सीट पर कभी नहीं हारे चंपाई, इस बार भाजपा को यहां कमल खिलने की उम्मीद
कोल्हान प्रमंडल की सरायकेला सीट पर भी झामुमो अजेय रहा है. यहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन झारखंड गठन के बाद से ही जीत हासिल करते आ रहे हैं. लेकिन खास बात ये है कि इस बार चंपाई बीजेपी में हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या यहां पर झामुमो जीत पाती या एक बार फिर यहां से चंपाई सोरेन विजयी होकर कमल खिलाते हैं.

 

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