New Delhi. सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ की योजनाओं में योगदान करने वाले नियोक्ताओं की संख्या 2023-24 में सालाना आधार पर 6.6 प्रतिशत बढ़कर 7.66 लाख हो गई. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या 7.6 प्रतिशत बढ़कर 7.37 करोड़ पर पहुंच गई. रविवार को जारी एक बयान के अनुसार श्रम सचिव और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति के चेयरपर्सन ने आठ नवंबर, 2024 को दिल्ली में ईपीएफओ मुख्यालय में कार्यकारी समिति की 109वीं बैठक की अध्यक्षता की.
गौरतलब है कि 27 सितंबर, 2024 को समिति के पुनर्गठन के बाद कार्यकारी समिति की यह पहली बैठक थी. कार्यकारी समिति ईपीएफ अधिनियम 1952 के तहत एक वैधानिक समिति है, जिसका कार्य ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी के काम में उनकी मदद करना है. कार्यकारी समिति ने ईपीएफओ के कामकाज पर वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट पर भी विचार किया. बयान के अनुसार, संगठन ने पिछले वर्ष की तुलना में बकाया राशि वसूलने में 55.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. इसी तरह पिछले वर्ष की तुलना में निपटाए गए दावों की संख्या में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. बैठक में फैसला किया गया कि 15 नवंबर, 2024 को ईपीएफओ के 72वें स्थापना दिवस को कर्मचारियों के जरिये सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. ईपीएफओ के ये कर्मचारी देशभर में विभिन्न स्तर पर काम करते हैं.