New Delhi. अदाणी समूह की सभी 10 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्यांकन (मार्केट कैप) में बृहस्पतिवार को सामूहिक रूप से 2.19 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई. जनवरी, 2023 में आई अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों को जो नुकसान हुआ था, आज का नुकसान उससे दोगुना से अधिक है. हिंडनबर्ग ने समूह पर शेयरों में हेराफेरी और लेखा के स्तर पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाये थे. उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों के भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (करीब 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है.
बीएसई पर सूचीबद्ध समूह की समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 22.61 प्रतिशत की गिरावट आई, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 20 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी में 18.80 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स में 13.53 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 11.98 प्रतिशत और अदाणी टोटल गैस में 10.40 प्रतिशत की गिरावट आई. अदाणी विल्मर के शेयर में 9.98 प्रतिशत, अदाणी पावर में 9.15 प्रतिशत, एसीसी में 7.29 प्रतिशत तथा एनडीटीवी में 0.06 प्रतिशत की गिरावट आई. समूह की कुछ कंपनियों के शेयर ने अपने निचले सर्किट स्तर को छुआ.
समूह की सभी 10 सूचीबद्ध कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण (एमकैप) में आज 2,19,878.35 करोड़ रुपये की गिरावट आई. भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स अदाणी पर अमेरिकी अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आपराधिक अभियोग दायर किया गया है, जिसमें उनपर तथा उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश जैसे राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. इससे उन्हें 20 साल की अवधि में दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ होता.
अदाणी समूह ने अमेरिकी अधिकारियों के रिश्वतखोरी के आरोपों को बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया और कहा कि समूह सभी कानूनों का अनुपालन करता रहा है. समूह ने कहा कि वह इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा. अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और इनका खंडन किया जाता है