भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घासीपुरा में 29 नवंबर से मुस्लिम समाज के धार्मिक सम्मेलन आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन होने जा रहा है. इसमें देश-दुनिया की करीब 30 हजार से अधिक जमातें शामिल होंगी. 02 दिसंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं. बाहरी जमातों के आने का सिलसिला 15 दिन पहले ही शुरू हो गया था और रोजाना बड़ी संख्या में लोग ट्रेन और फ्लाइट से भोपाल पहुंच रहे हैं.
आयोजन समिति के मुताबिक चार दिनों तक चलने वाले इस आलमी तब्लीगी इज्तिमा में 10 से 12 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है. आयोजन स्थल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. वालिंटियर, खानपान, जमातियों के ठहरने के इंतजाम और साफ-सफाई की व्यवस्था भी इस बार बढ़ा दी गई है.
इज्तिमा में चार दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग भोपाल पहुंचेंगे. इसमें विदेश से भी जमाती आएंगे. लोग रेलवे स्टेशन और पुराने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे. इज्तिमा के समापन दिवस पर 02 दिसंबर को दुआ की नमाज अदा की जाएगी, जिसमें लाखों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल होंगे.
रोना के बाद बड़ा आयोजन
कोरोना के बाद से अब तक हुए इज्तिमा के आयोजन में जमातों को सीमित संख्या में ही बुलाया जा रहा था, लेकिन इस बार कोरोना का असर पूरी तरह से खत्म हो चुका है. यही कारण है कि इस बार देशी ही नहीं विदेशों से भी जमातें पहुंच रही हैं.
77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा
भोपाल में इस साल यह 77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा है. भोपाल में लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा इज्तिमा माना जाता है. इसकी शुरुआत 1947 को हुई थी. मस्जिद शकूल खां में यह पहली बार शुरू हुआ था. उस समय केवल 12 से 14 लोग ही थे. बाद में 1971 से इसका विस्तार होता गया और यह ताजुल मसाजिद में होने लगा. धीरे-धीरे देश-दुनिया से आने वालों की संख्या बढ़ने लगी और यह स्थान भी छोटा पड़ गया और इसे ताजुल मसाजिद से शिफ्ट करके 2015 में बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया. दुनिया में सिर्फ तीन ही देशों में इज्तिमा का आयोजन होता है. इनमें भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल है.
हर बार की तरह इस बार भी इज्तिमा आयोजन की तैयारी ग्रीन और क्लीन के थीम पर हो रही है. इज्तिमा कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि इस बार करीब 600 एकड़ एरिया में व्यवस्थाएं की गई हैं. इसमें 300 एकड़ में पार्किंग, 100 एकड़ का पंडाल बनाया गया है. इसके अलावा 200 एकड़ एरिया में अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं. जिसमें फूड जोन, वुज़ू खाने, वॉशरूम आदि रहेंगे.
डॉ. हफीज ने बताया कि हर साल हम इज्तिमा में एनवायरमेंट आस्पेक्ट लेकर कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. पिछले साल हमने डस्ट फ्री किया था और हमने अपने इस गोल को आर्चिव भी किया था. हमने गार्बेज डिस्पोजल का रिकॉर्ड भी बनाया था. इज्तिमा खत्म होने के 24 घंटों के अंदर ही पूरी साइड क्लीन हो गई थी. यहां से मिला रिसाइक्लेबल कचरा रिसाइकिल प्लांट और डिस्पोसेबल कचरा डिकंपोज प्लांट चला गया था. दो साल पहले भी हमने ग्रीन थीम पर काम किया था. उसमें वेजिटेरियन फूड था. इस साल हमने इज्तिमा को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त किया है. पानी के बोतल के अलावा सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन रहेगा. साथ ही पानी के बोतलों को भी तुरंत इकट्ठा किया जाएगा.
आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की भी रहेगी व्यवस्था
इज्तिमा कमेटी के आरिफ गौहर ने बताया कि ‘इस बार आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की व्यवस्था भी शासन द्वारा की जा रही है. इनके लिए अलग से स्टॉल लगाए जाएंगे. मेले में चार दिन तक जो रुकेगा, उनके लिए व्यवस्था कमेटी द्वारा की जाएगी. सोने और ओढ़ने का सामान जमाती खुद लेकर चलते हैं. खाना बनाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था कमेटी कर रही है. कहीं भी गैस का उपयोग नहीं किया जाएगा. खाने के लिए 50 फूड जोन बनाए गए हैं. जमातियों को नीचे बैठ कर खाना खाने की भी व्यवस्था रहेगी.