Jamshedpur.जमशेदपुर पश्चिमी से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय ने भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री पर टॉफी घोटाला तक का आरोप तक मढ़ दिया था. नकारात्मक सोच वाले सरयू राय ने टॉफी घोटाला पर एक किताब तक लिख डाली, जिसका शीर्षक था – ‘तिजोरी की चोरी’. इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 41 में लिखा हुआ है कि 17वें झारखंड स्थापना दिवस पर पूर्वी सिंहभूम जिला में 4,40,000 रुपये खर्च हुए. अब आप ही सोचिये कि सरयू राय की नजर में रुपये चार लाख 40 हजार की टॉफी- टी-शर्ट खरीद भी घोटाला है और 461 करोड़ का फ्लाइ ओवर भी इस्टीमेट घोटाला है.
असल में सरयू राय को करना-धरना कुछ है नहीं, वे केवल घोटाला-घोटाला बोलकर जनता को दिग्भ्रमित करते हैं. बन्ना गुप्ता ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी से पश्चिमी में छलांग लगाकर आने वाले सरयू राय रोज नया पैंतरा खेल रहे हैं. पहले कह रहे थे कि मानगो में फ्लाइओवर की आवश्यकता ही नहीं है. जब सर्वे प्रारंभ हुआ तो कहने लगे यह परियोजना बन ही नहीं सकती, इसमें कई तकनीकी बाधाएं हैं. जब मैंने सारी बाधाओं को दूर करवा कर जमशेदपुर के पहले फ्लाइओवर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया, तो अब कह रहे हैं कि इसमें इस्टीमेट घोटाला हुआ है. असल में झूठी बातें कह कर जनता को गुमराह करना उनकी आदत है.
उनको जानकारी होनी चाहिए कि इस तरह के फ्लाइओवर या बड़े पुल के टेंडर के इस्टीमेट कोई जिला स्तर पर नहीं बनाये जाते. इसकी पूरी तकनीकी टीम होती है, जो केंद्र सरकार के मानकों और अहर्ताओं के आधार पर डिजाइन और दर निर्धारित करती है. उसके बाद ग्लोबल टेंडर होता है, जो पूर्णतः पारदर्शी होता है. उसमें विधायक और मंत्री की बात छोड़िए, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी किसी का पक्ष नहीं ले सकते. रांची को विकसित करने व ग्रेटर रांची का प्रोजेक्ट आरंभ हो गया होता, किंतु मैनहर्ट घोटाला बोल-बोल कर उन्होंने काम में अड़ंगा लगवा दिया. रांची में ड्रेनेज सिस्टम के लिए सिंगापुर की कंपनी मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था, किंतु सरयू राय ने इतने आरोप लगाये कि यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया. इसके पीछे उनका स्वार्थ केवल तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को नीचा दिखलाना था. सिदगोड़ा सूर्य मंदिर और प्रोफेशनल कॉलेज को बर्बाद करने वाले सरयू राय की कुदृष्टि अब सोनारी दोमुहानी संगम पर है