रांची. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने रविवार को कहा कि झारखंड राज्य के गठन के लिए कांग्रेस के 13 मंत्रियों ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर अपना पद त्याग कर झारखंड निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. कांग्रेस और झामुमो के दबाव में बिहार विधानसभा से झारखंड अलग राज्य विधेयक पारित किया गया, जिसके फलस्वरुप झारखंड निर्माण का रास्ता साफ हुआ.
कमलेश ने कहा कि झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड पारित कराया गया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है. नई संसद भवन का उद्घाटन हो या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का मामला हो आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान मोदी ने समय-समय पर किया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर बात करने से पहले मोदी को विगत लोकसभा चुनाव परिणाम का आकलन करना चाहिए. इलेक्ट्रोल बांड के जरिए देश की अनेको कंपनियों से भाजपा के चंदा उगाही का सच जनता से छुपा हुआ नहीं है और उन कंपनियों को किस तरह से लाभ पहुंचाया गया यह भी छुपा नहीं है.
कमलेश ने कहा कि झारखंड में भाजपा के शासनकाल में पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत से 14 प्रतिशत कर दिया गया था. महागठबंधन की सरकार ने इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का विधेयक पास कर मंजूरी के लिए भेज दिया है लेकिन मोदी के इशारे पर इसे एक कोने में रख दिया गया है. उन्होंने कहा कि अपने 10 वर्षों के शासनकाल में मोदी ने देश के युवाओं से रोजगार छिनने का काम किया है. झारखंड में महागठबंधन की सरकार जब से आई है, इसे अपदस्थ करने का षड्यंत्र रचा जाता रहा है. मोदी ने अपने शासनकाल में उद्योगपतियों का ऋण माफ किया उन्हें लाभ पहुंचाया.
कमलेश ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार किसानों का ऋण माफ कर रही है. आम जनता का बिजली बिल माफ कर रही है. मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रही है. युवाओं को रोजगार के अवसर दे रही हैय़ महिलाओं को मईंया सम्मान योजना के तहत सम्मान राशि दे रही है. छात्राओं को सावित्रीबाई फुले योजना के तहत लाभ पहुंचा रही है. ऐसे अनेकों सैकड़ो काम है जो झारखंड में महागठबंधन की सरकार के दौरान हुए हैं और अभी भी हो रहे हैं. झारखंड में आधारभूत संरचना में तेजी से विकास हुआ है, जिसका गवाह केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े हैं.