आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती का नाम तो सुना ही होगा, जो ब्राउन शुगर के ड्रग्स के हब के रूप मे विख्यात है। काश डीजीपी साहब इधर एक नजर डालते ?
झारखंड का सरायकेला-खरसावां जिला का नाम आज झारखंड के हर कोने के लोग जानने लगे हैं। झारखंड में कहीं भी ब्राउन शुगर की बात पीने, बेचने या पकड़ाने की हुई तो, पुलिस के जुबां पर सबसे पहला नाम सरायकेला-खरसावां जिला के मुस्लिम बस्ती आदित्यपुर का ही आता है। क्योंकि सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर के मुस्लिम बस्ती ब्राउन शुगर का हब और गढ़ बनता जा रहा है।
आदित्यपुर का मुस्लिम बस्ती ब्राउन शुगर के लिए विख्यात और कुख्यात हो गया है।जिसे रोक पाना पुलिस प्रशासन के बूते से बाहर होते जा रहा है। किसी भी देश का भविष्य और देश की तरक्की देश के युवाओं के कंधे
पर टिकी होती है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते चले जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकार में चला जाता है।
युवा वर्ग और बच्चे भी नशे की गिरफ्त में धिरते जा रहै है। कुछ युवा वर्ग इसे अपनी शान समझते है। युवा नशा करते है। उनकी जश्न की पार्टी नशे के बगैर अधूरी लगती है।इस नशे की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए कुछ दिन पहले आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर सभागार में ब्राउन शुगर,ड्रग्स के विरुद्ध एसओपी की ड्राफ्टिंग के लिए एक दिवसीय सेमिनार आयोजित हुआ है ।जिसमें कोल्हान के तीनों जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, ड्रग्स एसोसिएशन और स्वयंसेवी संगठनों के लोग एवं प्रबुद्ध जन बैठक में शामिल हुए।जिसमें कोल्हान के प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार, कोल्हान के पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय लिंडा, सरायकेला-खरसावां जिला उपायुक्त अरवा राजकमल, उपायुक्त पश्चिम सिंहभूम अनन्य मित्तल, एसपी सरायकेला आनंद प्रकाश, एसपी चाईबासा आशुतोष शेखर, एसएसपी पूर्वी सिंहभूम प्रभात कुमार के अलावा जिले भर के पदाधिकारीयों ने बैठक में भाग लियाl
बैठक मे ब्राउन शुगर ड्रग पैडलर के विरुद्ध कठोर करवाई करने और सख्त होने की जरूरत कहा गया ।
नशे के लिए घर के गहने बेच दिए जाते हैं।पैसे पॉकेट से निकाल लिए जाते हैं। घर में आकर नशा कर मारपीट किए जाते हैं। जिससे कई तरह की विधि व्यवस्था सहित आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो जाया करती है। भारत का भविष्य युवाओं और बच्चों के कंधे पर है और युवा वर्ग नशे की गिरफ्त से घिरते जा रहे हैं। आदित्यपुर से लेकर कोल्हान के तीनों जिले पूरबी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां के कोने-कोने तक दिनदहाड़े नशे की जड़ें मजबूत होती जा रही है। आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती ब्राउन शुगर ड्रग्स के हब के रूप में विख्यात और कुख्यात हो गया है। नशे की जड़ इतनी ज्यादा मजबूत हो गई है। चोरी छिपे बिकने वाला ब्राउन शुगर अब दिन के उजाले में कोल्हान के शहर से लेकर गांव के लोगों को नशे मे डुबोने के लिए सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर की मुस्लिम बस्ती तैयार बैठा है। सबसे अधिक 16 से 35 वर्ष के युवा नशे के कारण बर्बाद हो रहे हैं।आदित्यपूर के मुस्लिम बस्ती में जहाँ से ब्राउन शुगर का जखीरा चलता है। अब वहा के लोग इस धंधे से बर्बाद हो रही नस्लों को मुक्ति दिलाने को लेकर जिला प्रशासन से फैला नशे का धंधा को बंद कराने की गुहार लगा रहे है ।
चर्चा हैं कि लोग बाहर से आते है और खरीद कर ले जाते है। कुछ लोग बैठकर लुक छिप कर इधर-उधर पीते भी हैं। एक पूड़िये कि कीमत 100 से 500 और 500 सौ से 50 हजार तक का ब्राउन शुगर मिलता है और सप्लाई होता है । यह मुस्लिम बस्ती आदित्यपुर थाना से कुछ ही दूरी पर स्थित है। पुलिस प्रशासन कुछ पुड़िया पकड़कर, कुछ लोगों को जेल भेज कर ,भले ही अपनी पीठ थपथपा लेती है लेकिन जनता के बीच इनकी छवि कुछ और ही है।
संवाददाता ने झारखंड के डीजीपी से आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती मे फैले ब्राउन शुगर ड्रग्स के जाल और हब के रूप मे विख्यात और हुए कुख्यात के संबंध में जानकारी लेने के लिए संपर्क किया लेकिन समाचार लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो पाया l
ए के मिश्र