Dumka. द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने जांच प्रतिवेदन देने के एवज में 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गये बीडीओ शिवाजी भगत को चार साल सश्रम कारावास और एक लाख बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है़ यहां बता दें कि 14 साल पुराने एक मामले में जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी-सह-अंचल अधिकारी शिवाजी भगत वर्तमान में दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे.
उन्हें न्यायालय ने चार दिन पहले 22 जुलाई को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. अदालत में शुक्रवार को स्पेशल केस नंबर 10/2010 (निगरानी थाना कांड संख्या 10/2010) में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद दोषसिद्ध आरोपी शिवाजी भगत को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) 1988 की धारा 7 के तहत चार साल के सश्रम कारावास और साठ हजार रुपये जुर्माना अदा करने तथा इसी एक्ट की धारा 13 (2) के तहत चार साल सश्रम कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी.
हालांकि दोनों धाराओं में जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर नौ-नौ महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. सभी सजाएं साथ चलेंगी. इस तरह अभियुक्त को जुर्माने के रूप में एक लाख बीस हजार रुपये का भुगतान करना होगा. न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान सरकार की ओर से अभियोजन सहयोगी पुलिस अवर निरीक्षक शंभु प्रसाद सिंह की पहल पर 10 गवाह पेश किये गये.