- विश्वासमत हासिल करना चुनौती नहीं, इंडिया गठबंधन के पास है मजबूत आंकड़ा, मंत्रिमंडल बंटवारा है चुनौती
रांची . हेमंत सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गये हैं. आठ जुलाई को फ्लोर टेस्ट प्रस्तावित है. विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने में कोई परेशानी नहीं है. हेमंत सरकार के पास बहुमत के लिए मजबूत आंकड़ा है. एक बार फिर इंडिया गठबंधन के सामने मंत्रिमंडल बंटवारे की ही चुनौती है. वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में यह हेमंत की दूसरी पारी है. इस बार टीम हेमंत में नये चेहरे शामिल हो सकते हैं. कैबिनेट में बदलाव संभव है. पिछली सरकार के मंत्री ड्रॉप किये जा सकते हैं.
विश्वासमत आठ को, एक-दो दिन बाद कैबिनेट विस्तार की संभावना
विश्वासमत के एक-दो दिन बाद कैबिनेट का विस्तार संभव है. इसमें एक साथ 11 मंत्री के शपथ लेने की तैयारी है. कांग्रेस कोटे से पिछली सरकार में चार मंत्री थे. टेंडर घोटाले में जेल में बंद आलमगीर आलम की जगह इरफान अंसारी का नाम तय है. झामुमो कोटे से पिछली बार पांच मंत्री थे. इन मंत्रियों के नाम भी फेरबदल संभव है. राजद से सत्यानंद भोक्ता का मंत्री बनना तय है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन नयी सरकार से दूर रह सकते हैं. चंपाई सोरेन कैबिनेट में शामिल होंगे, इसको लेकर संशय है. पिछली बार हेमंत सोरेन की सरकार में वह शामिल थे. ऐसे में झामुमो किसी नये चेहरे को सामने ला सकता है.
बसंत सोरेन बनाए जा सकते हैं मंत्री, लग रही अटकलें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर अटकलें चल रही है. जेएमएम का एक खेमा चाहता है कि बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल में रखा जाये.
दिल्ली दरबार पर भी नजर, कांग्रेस विधायकों की यही से उम्मीद
कांग्रेस के कोटे के मंत्रियों का नाम दिल्ली दरबार में तय होगा. कांग्रेस सारी संभावनाओं पर विचार कर रही है. संताल परगना से भी एक मंत्री हटाये जाने की चर्चा है. इस बार के कैबिनेट में महिला विधायक को कांग्रेस मौका दे सकती है.