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Tata Power’s New Contract: टाटा संस के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन की मौजूदगी में टाटा पावर ने भूटान की ड्रुक पावर के साथ साझेदारी की, स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं करेगी विकसित

New Delhi. टाटा पावर ने भूटान में 5,000 मेगावाट की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता के विकास के लिए वहां की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन लि. (डीजीपीसी) के साथ रणनीतिक साझेदारी की है. डीजीपीसी, ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लि. की अनुषंगी कंपनी है. यह भूटान की एकमात्र बिजली उत्पादन कंपनी है. टाटा पावर ने मंगलवार को बयान में कहा कि यह एशिया के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों की दो प्रमुख बिजली कंपनियों के बीच सबसे बड़ी साझेदारी है. बयान के अनुसार, सहयोग के माध्यम से कम-से-कम 5,000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं विकसित की जाएंगी. इसमें 1,125 मेगावाट क्षमता की डोरजिलुंग जलविद्युत परियोजना सहित 4,500 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाएं शामिल हैं.

इसके अलावा, टाटा पावर की अनुषंगी कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लि. 500 मेगावाट की सौर परियोजनाएं (टीपीआरईएल) विकसित करेगी.
टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘टाटा पावर की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन के साथ साझेदारी क्षेत्र में पसंदीदा स्वच्छ ऊर्जा भागीदार के रूप में हमारी साख को मजबूत करती है. हम मिलकर 5,000 मेगावाट की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता सृजित करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘यह भागीदारी भूटान की जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने में मदद करेगी और भरोसेमंद तथा 24 घंटे स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति के जरिये दोनों देशों की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करेगी. हम साथ मिलकर एक नए ऊर्जा युग को आकार दे रहे हैं.’  बयान में कहा गया है कि भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे की उपस्थिति में डीजीपीसी के प्रबंध निदेशक दाशो छेवांग रिनजिन और टाटा पावर के सीईओ और प्रबंध निदेशक के बीच थिम्पू में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर मंगलवार को हस्ताक्षर किये गये. इस मौके पर ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम शेरिंग, टाटा संस के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन, भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला और भूटान सरकार, भारतीय दूतावास, डीजीपीसी और टाटा पावर के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

डीजीपीसी के प्रबंध निदेशक दाशो छेवांग रिनजिन ने कहा, ‘टाटा पावर के साथ यह रणनीतिक साझेदारी भूटान के आर्थिक विकास और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा के लिए विशाल नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के तेजी से उपयोग के जरिये वहां के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने की आकांक्षाओं के अनुरूप है.’

टाटा पावर का 2008 से डीजीपीसी के साथ एक लंबे समय से संबंध रहा है. उस समय दोनों कंपनियां भूटान के जलविद्युत क्षेत्र में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में 126 मेगावाट क्षमता की दगाछू जलविद्युत संयंत्र को सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए साथ आई थीं. टाटा पावर के पास 1,200 किलोमीटर लंबी टाला पारेषण लाइन परियोजना भी है. कंपनी इसके जरिये भूटान से भारत तक स्वच्छ बिजली पहुंचाती है.

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