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Jamshedpur:भाजपा ने झोंकी ताकत, प्रत्याशियों पर संशय बरकरार, कांग्रेसियों के हौसले बुलंद

जमशेदपुर। विधानसभा 2024 चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.जमशेदपुर में लगातार भाजपा के बड़े नेताओं का दौरा चल रहा है.

शुक्रवार (2 अगस्त) को प्रदेश के सह प्रभारी व असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा और शनिवार(3 अगस्त) को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जमशेदपुर भाजपा महानगर कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के महामंत्र दिए और कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की.

वहीं भाजपा के बड़े नेता जमशेदपुर प्रवास के दौरान मीडिया द्वारा भाजपा का मुख्यमंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम पुछने पर जवाब देने से बचते नजर आए.

मतलब साफ है कि भाजपा या एनडीए का मुख्यमंत्री कौन होगा इसका जवाब भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी के पास भी नहीं है.

वहीं जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी विधानसभा से कौन प्रत्याशी होगा इसको लेकर भी संशय बरकरार है. यही कारण है कि भाजपा कार्यक्रताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए हिमंत विश्वा सरमा और संजय सेठ जैसे बुसटर डोज की जरुरत पड़ रही है.

लोकसभा में कोल्हान के एक और संथाल में दो सीट बुरी तरह हारने के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं के हौसले थोड़े पस्त हुए है. इस बात को पार्टी के वरीय नेता भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे है.

वहीं दुसरी ओर इंडिया गठबंधन को जैसे इस जीत से संजीवनी बुटी मिल गई है. इंडिया गठबंधन के घटक दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं. उन्हें पता है कि उनका मुख्यमंत्री कौन होगा और किस विधानसभा से कौन प्रत्याशी होगा.

उन्हें पता है की जमशेदपुर पूर्वी से डॉ. अजय कुमार और पश्चिमी से बन्ना गुप्ता इंडिया गठबंधन व कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. वहीं हेंमत सोरेन मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे.

इसलिए वे विधानसभा चुनाव में दुगने उत्साह से भिड़े हुए है उनका एक ही लक्ष्य है इस बार पहले से भी ज्यादा सीटें हासिल करना.

वहीं जमशेदपुर पूर्वी के वर्तमान विधायक सरयू राय के रविवार को जदयू में शामिल होने के बाद अचानक से झारखंड की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने के संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि जदयू, एनडीए का घटक दल है और जदयू की वैशाखी पर मोदी सरकार टिकी हुई है, बावजूद इसके झारखंड में जदयू का कोई बड़ा जनाधार नहीं है और ना ही पार्टी झारखंड में बहुत एक्टिव ही है.

ऐसे में भाजपा पर निर्भर करेगा की वो आजसू और जदयू के साथ किस स्तर पर सीट शेयर करेगी. अभी तक आजसू द्वारा पांच से सात सीट पर चुनाव लड़ने का दावा किया जा रहा है, अब यदि जदयू द्वारा भी सीट शेयरिंग के लिए भाजपा पर दबाव बनाया जाता है तो देखनी वाली बात होगी की भाजपा द्वारा कितना सीट जदयू को दिया जाता है.

राजनीतिक जानकारों द्वारा यह कयास लगाया जा रहा है कि सरयू राय चुंकि वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी से विधायक है अब जबकि वो जदयू में शामिल हो गए है तो इस सीट पर जदयू का दावा बनता है यदि भाजपा इस पर तैयार नहीं होती है. वैसी स्थिति में जदयू जमशेदपुर पश्चिमी सीट के लिए दबाव बना सकती है.

विधानसभा चुनाव क्या समीकरण बनता है यह तो भविष्य की बात है.

धर्मेंद्र

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