Jamshedpur .सीजीपीसी ने शनिवार को साकची कार्यालय में आयोजित आम सभा में कई अहम फैसले लिये. सीजीपीसी के प्रधान ने साफ किया कि अब एक व्यक्ति एक वोट का अधिकारी होगा. वह क्षेत्र उसका पैदाइश का हो, रिहायश का हो या फिर कार्यस्थल हो. इसे चुनने का अधिकारी खुद व्यक्ति होगा, जिसे इसकी जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी. एक व्यक्ति एक वोट के फैसला को पूरे हाउस ने पूरे जोश खरोश के साथ परवानगी प्रदान कर दी. आम सभा में सीजीपीसी ने मृतक संस्कार को लेकर भी अहम निर्णय लिये. महासचिव अमरजीत सिंह ने आम सभा के एजेंडों पर प्रकाश डाला.
सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह ने बताया कि आम सभा में एक व्यक्ति एक वोट का एजेंडा सबसे महत्वपूर्ण रूप से पेश हुआ. उन्हें विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से लिखित आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें यह जिक्र किया गया था कि एक गुरुद्वारा परिक्षेत्र के रिहाइश में रहने वाले व्यक्ति को एक ही गुरुद्वारा में वोट का अधिकार हो. इसलिए मामले की गंभीरता और चुनाव में पारदर्शिता कायम रखने के मद्देनजर यह काफी अनिवार्य हो गया था कि आम सभा में हाउस की परवानगी के बाद इसे जल्द से जल्द लागू किया जाये. वोटर को यह स्वतंत्रता रहेगी कि वह खुद चुन सके कि वह किस परिक्षेत्र में वोट करने के लिए इच्छुक है, बशर्ते उसे घोषणा पत्र जारी कर अपने क्षेत्र की घोषणा करनी होगी.
चेयरमैन गुरमीत सिंह तोते ने इस फैसले का स्वागत करते हुए हाउस से कहा कि संविधान में संशोधन कर जल्द से जल्द इसे संविधान में भी अंकित किया जाना चाहिए. वहीं, मृतक संस्कार के मुद्दे पर भी सीजीपीसी द्वारा हाउस की मुहर के बाद महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. जहां तक मृतक भोज की बात की जाए, तो सीजीपीसी ने अपने पहले फैसले में संशोधन करते हुए मृतक भोज में फुलका, दाल (किसी भी तरह की), एक सब्जी, आचार, चावल और मिठाई (इच्छानुसार) सादा लंगर के रूप में परोसा जा सकता है और अनिवार्य रूप से भोज पंगत में बैठ कर ही ग्रहण करना पारित किया गया है.
मृतक संस्कार में ‘चौथे’ का रिवाज और अर्थी के पास पानी से भरा घड़ा फोड़ना को मनमत मानते हुए इस पर रोक लगा दी गयी है. सरदार भगवान सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तख्त श्री हर मंदिर पटना साहिब के महासचिव इंदरजीत सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, निशान सिंह, चंचल सिंह, नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, गुरचरण सिंह बिल्ला, गुरनाम सिंह बेदी सहित विभिन्न गुरुद्वारों के प्रधान, महासचिव और पदाधिकारी सभा में मुख्यरूप से उपस्थित रहे.