- कैबिनेट में 44 प्रस्ताव मंजूर, शहीद सैनिक या अग्निवीर के आश्रित को 10 लाख अनुदान के साथ सरकारी नौकरी भी
Ranchi. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कुल 44 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी. कैबिनेट ने 200 यूनिट प्रति माह से कम बिजली खपत करनेवाले उपभोक्ताओं का पुराना बकाया माफ करने का फैसला किया है. कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री ऊर्जा खुशहाली योजना’ के तहत हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त बिजली पानेवालों का घरेलू बकाया माफ किया जायेगा. इसका लाभ राज्य के 39,44,384 बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा. उन पर बिजली बिल बकाया के रूप में लगभग 3584 करोड़ रुपये बकाया है. मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) के लिए महंगाई भत्ता में नौ प्रतिशत की वृद्धि करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. एक जनवरी 2024 के प्रभाव से महंगाई दर में वृद्धि की जायेगी. कर्मियों की महंगाई भत्ता दर 230 प्रतिशत से बढ़ा कर 239 प्रतिशत की गयी है
कैबिनेट ने मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान शहीद होनेवाले राज्य निवासी सैनिक या अग्निवीर के पत्नी या आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान और अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने पर मंजूरी दी. शहीदों के परिजनों को 10 लाख रुपये विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में दिये जायेंगे. साथ ही उनकी पत्नी या एक अश्रित को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान की जायेगी.
राज्य के अति कुषोषित छह जिलों में पूर्व से कार्यरत अतिरिक्त पोषण सखियों सह आंगनबाड़ी सेविकाओं को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया गया. अतिकुपोषित जिलों धनबाद, दुमका, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा व गोड्डा में कुल 10,388 अतिरिक्त पोषण सखी सह आंगनबाड़ी सेविका कार्यरत थीं. लेकिन, भारत सरकार द्वारा अंशदान बंद करने की वजह से उनको मानदेय नहीं मिल रहा था. पुनर्बहाली के बाद अब राज्य सरकार अपने कोष से उनको मानदेय देगी.
रसाेइया सह सहायिका को अब 12 माह का मानदेय
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत कार्यरत रसोइया सह सहायिका को साल में 10 की जगह 12 महीनों का मानदेय उपलब्ध कराने पर सहमति दी. राज्य में कुल 79,286 रसोइया सह सहायिका कार्यरत हैं. उनको मानदेय के रूप में एक हजार रुपये प्रति माह दिया जाता है. रसोइया सह सहायिका को मानदेय देने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31.71 करोड़ रुपये का प्रबंध करने पर स्वीकृति दी.
कांच के बोतलों के अलावा प्लास्टिक पैक में भी शराब
मंत्रिमंडल ने देशी व मसालेदार शराब की बिक्री कांच के बोतलों के साथ पारदर्शी प्लास्टिक पैक में भी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की अनुमति दी. अब राज्य में देशी व मसालेदार शराब 200, 300 व 600 एमएल के तीन वर्गाें में पैक कर बेची जा सकेगी.