New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार द्वारा कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता की ‘‘तदर्थ’’ नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए सोमवार को राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ नरेश मकानी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने राज्य में शीर्ष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति पर शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए प्रतिवादियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया है.
याचिका पर सुनवाई के समय झारखंड सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई एक सप्ताह के भीतर की जाए, अन्यथा प्रतिवादियों के लिए ‘मिशन पूरा’ हो जाएगा.
मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर, 2024 को होगी. शीर्ष अदालत ने छह सितंबर को राज्य सरकार और गुप्ता से याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें शीर्ष अदालत के 2006 के फैसले और उसके बाद के निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाया गया था. फैसले के तहत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा राज्य के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन वरिष्ठतम अधिकारियों की सूची में से चयन सहित कई प्रक्रियाओं पर विचार करना अनिवार्य किया गया था. दीवान ने कहा था कि 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्ता की (कार्यवाहक डीजीपी के रूप में) नियुक्ति 2006 के प्रकाश सिंह फैसले और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन है.