झारखंड में पहली बार डीजीपी का पद 3 दिनों से खाली,संभवत:आज नए डीजीपी की हो सकती है घोषणा
चौंकिए नहीं जनाब ए झारखंड है जहां फिक्स अनफिक्स हो जाते हैं, और अनफिक्स फिक्स्ड हो जाते हैं। कहां जाने लगा है कि झारखंड में सब कुछ जायज है। जहां सीनियर को जूनियर बना दिया जाता हैं और जूनियर को सीनियर बनाए दिए जाते हैं।
झारखंड निर्माण के बाद से अभी तक का यह पहला वाक्या है जहां झारखंड में पुलिस विभाग के सबसे बड़े अधिकारी, यानी पुलिस विभाग का मुखिया यानी, डीजीपी का पद 3 दिनों से रिक्त पड़ा है। इस पद पर किसी का रेगुलर पदस्थापना भी नही हुआ और ना ही किसी को प्रभार में ही दिया गया, जो आज पुलिस विभाग में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
जहां राज्य में कुछ दिनों से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ रहता है । वही वरीय पदाधिकारियों की आपसी मतभेद मे कनीय पदाधिकारी पिसे जा रहे हैं। वही राज्य के विधि व्यवस्था भी चरमराई हुई है। दिनदहाड़े हत्या, गोलीकांड , गैंगवार हो रही है।
जमशेदपुर औद्योगिक नगरी में गणेश सिंह और अमरनाथ सिंह की गैंगवार में प्रदीप की हत्या हुई। राज्य में गैंगवार की घटना भी बढी हुई है। ऐसे में राज्य के नए मुखिया का पद 3 दिनों से खाली रहना सोचनीय और चिंतनीय है।
राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में भी इसको लेकर कौतूहल का विषय बना हुआ है। राज्य की गिरती विधि व्यवस्था और आए दिन हो रहे हत्याएं और गैंगवार से बुद्धिजीवी और व्यापारी वर्ग ,उद्यमी वर्ग,और आमजनता काफी चिंतित है। राज्य के राजधानी से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि आज इसका पटाक्षेप होकर राज्य के नए डीजीपी मिल सकते हैं ।
ए के मिश्र