उषा मार्टिन द्वारा प्रदूषण फैलाए जाने के खिलाफ जेएमएम उपाध्यक्ष शंकर मुखी के अल्टीमेटम पर झारखंड विधानसभा की प्रदूषण बोर्ड चेयरमैन सविता महतो करा पाएगी कार्रवाई ?
सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया स्थित उषा मार्टिन कंपनी, वर्तमान के टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट कंपनी के प्रदूषण से स्थानीय जनता त्राहि-त्राहि कर रहे है l कंपनी के इर्द-गिर्द के बस्ती के लोग अब इस कंपनी के खिलाफ आंदोलन के मूड में दिख रहे हैं।
प्रदूषण फैला रही इस कंपनी के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी एवं आक्रोश देखा जा रहा है ।प्रदूषण से पीड़ित लोगों मे उम्मीद जगी थी कि उषा मार्टिन को अधिग्रहण करने पर टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट प्रदूषण पर रोक लगाएगी ।मगर स्थिति पूर्वत ज्यों की त्यों बनी हुई है। जिससे लोगों में काफी आक्रोश बढ़ रहा है। कई बार विभिन्न राजनीतिक सामाजिक पार्टियों द्वारा भी प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई, मगर नतीजा ज्यों का त्यों और शिफर ही रहा ,परंतु अब प्रगति नगर, साईं नगर ,वास्को नगर, गायत्री नगर, बाल्मीकि नगर ,भोजपुर कॉलोनी, आदर्श नगर ,गम्हरिया के विभिन्न गांव के क्षेत्रों के लोग अब एक बैनर तले होकर आंदोलन करने की मुंड बना रहे हैं।जिसको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नगर उपाध्यक्ष शंकर मुखी द्वारा बस्ती के विभिन्न व्यक्तियों से घूम-घूम कर संपर्क कर लोगों को आंदोलन के लिए जागरूक किया जा रहा है। अब टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट से प्रदूषण नहीं रुकने पर आर-पार की लड़ाई लड़ने के लोग मन बना रहे हैं।जिसको लेकर माननीय मुख्यमंत्री ,झारखंड सरकार के मुख्य सचिव ,कोल्हान आयुक्त, उपायुक्त, प्रदूषण विभाग को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग करने की बात कही हैं।करवाई नही होने पर प्रदूषण रोकने पर स्थानीय लोग शीघ्र ही कंपनी गेट का घेराव किया एवं आंदोलन करेगी । जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
प्रदूषण एवं इसका प्रकोप के बारे में स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि इससे खाने में प्रदूषण जा रहा है ,छत पर कपड़े पसारने पर सफेद कपड़ा भी काला हो जा रहे हैंं, प्रदूषण से सभी पेड़ पौधे लाल एवं काले हो गए हैं ।ऐसे में अगर प्रदूषण नहीं रोका गया तो यहां का जीवन लोगों का नर्क हो जाएगा,लोग मौत के मुंह में धीरे-धीरे प्रदूषण के चलते समाते जाएंगे । अब देखना यह है कि अब जिला प्रशासन , झारखंड सरकार एवं झारखंड विधानसभा की प्रदूषण बोर्ड की चेयरमैन सह इचागढ़ विधायक सविता महतो ,जो इसी प्रमंडल से आती है स्थानीय लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण दे पाते हैं अथवा नहीं ?