खरसावां में सरकारी भूमि पर कब्जा का मामला
पकड़ा तूल, विरोध में जुटे तीन गांव के ग्रामीणों,
सरायकेला खरसावां जिले के खरसावां अंतर्गत के मैंने बताया तूर्ड़ियाग गांव के सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मांमला धीरे-धीेरे तुल पकड़ने लगा है। सरकारी जमीन की गई बदोबस्ती रद्दकर फुटबाॅल मैदान एवं स्कूल बनानें की मांग को लेकर गुरूवार को सुबह तुड़ियाग मैदान में तीन गांव के लोग जुटे और प्रशासन से उक्त सरकारी मैदान में फुटबाॅल मैदान एवं स्कूल बनानें की मांग की गई। प्रशासन सरकारी जमीन की बदोबस्ती रद्दक करे। खरसावां के जोजोडीह, तुड़ियाग एवं चन्द्रपुर के सरकारी जमीन पर एकजूट होकर विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही प्रशासन से मांग करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि अनावाद बिहार सरकार, वर्तमान झारखंड सरकार के नाम पर खरसावां अंचल के मौजा जोजोडीह के टोला तुडियाग में थाना संख्या-116 खाता संख्या-415, प्लोट संख्या-898 में रकवा 3 एकड़ 49 डिसमिल टुगरी का सरकारी जमीन दर्ज है। उक्त जमीन पर मनरेगा योजना के तहत पोटो हो के तहत खेल मैदान की स्वीकृति दी गयी है। उक्त जमीन को प्रशासन के द्वारा वर्ष 1971 में मोचीराम महतो, भगत महतो दोनों के पिता-स्वं शिवशंकर महतो एवं अर्जन महतो व स्वं केशव महतो दोनो के पिता-कारू महतो को 50-50 डिसमिल सहित कुल 2 एकड़ जमीन का बदोबस्ती की गई थी। लेकिन उक्त जमीन पर आज तक किसी का कब्जा नही किया गया। ना ही उक्त पथरीला जमीन पर किसी ने आज तक खेती नही किया है। जब ग्रामीणों ने उक्त जमीन पर मैदान बनानें की बात की तब बदोबस्ती का हवाला देकर बदोबस्ती के लाभुक के द्वारा विरोध किया। जिसके विरोध जोजोडीह, तुड़ियाग एवं चन्द्रपुर के ग्रामीण एकजूट होकर उनके विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से बदोबस्ती को रद्दकर करने की मांग की गई।
वर्ष 1971 में दो एकड़ जमीन की हुई थी बदोबस्ती
खरसावां अंचल के अंतर्गत मौजा जोजोडीह के टोला तुडियाग के थाना संख्या-116 खाता संख्या-415, प्लोट संख्या-898 में रकवा 3 एकड़ 49 डिसमिल टुगरी का सरकारी जमीन दर्ज है। उक्त सरकारी जमीन से तुड़िया के मोचीराम महतो, भगत महतो दोनों के पिता-स्वं शिवशंकर महतो एवं अर्जन महतो व स्वं केशव महतो दोनो के पिता-कारू महतो को 50-50 डिसमिल सहित कुल 2 एकड़ जमीन का बदोबस्ती की गई थी। लेकिन आज तक उक्त जमीन में कभी खेती नही की गई।
जोजोडीह में नही एक भी सरकारी खेल मैदान-राजेश
खरसावां के जोजोडीह, टोला तुडियाग के ग्राम प्रधान राजेश हेम्ब्रम ने कहा कि जोजोडीह पंचायत में एक भी सरकारी खेल मैदान नही है। रैयती जमीन को भाड़ा में लेकर खेलकूद व फुटबाॅल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। सरकारी जमीन पर मैदान व स्कूल बन जानें से पंचायत क्षेत्र के बच्चों व खिलाड़ियों को शिक्षा के साथ साथ खेल में आगे बढ़नें का मौका मिलेगा। प्रशासन से हमारी मांग है कि सरकारी जमीन की बदोबस्ती को रद्दकर मैदान बनाने का पहल किया जाये।
55 वर्षो में कभी नही हुई जमीन पर खेती-डोमन
तुडियाग गांव के निवासी डोमन महतो (70) व पुरन चन्द्र महतो (65) ने कहा कि विगत 55 वर्षो से उक्त सरकारी जमीन पर कभी खेती नही हुई है। उक्त जमीन पर टुगरी था। जहां से अवैध खनन कर लोग पत्थर ले जाते थे। सरकारी जमीन को जिसके नाम पर बदोबस्ती की गई है। उन लाभुकों का अपना 15 से 20 एकड़ अपना रैयती जमीन है। फिर किस आधार पर उन्हे सरकारी जमीन बदोबस्ती पर दी गई। इस सरकारी जमीन पर मैदान व स्कूल बनाने की मांग की गई।
#सरकारी जमीन पर टुगरी था-सरस्वती महतो#
तुडियाग निवासी सरस्वती महतो सहित कई बुजूग महिलाओं ने कहा कि सरकारी जमीन पर टुगरी था। इस जमीन पर कभी खेती नही किया गया। जमीन को मैदान बनानें के लिए मिट्टी डाला गया है। इस जमीन पर बच्चों के खेलने के लिए मैदान और पढ़ने ंके लिए स्कूल बनानें की मांग की गई।
#बदोबस्ती रद्दकर हेतु डीसीएलआर को ज्ञांपन#
खरसावां अंचल के अंतर्गत मौजा जोजोडीह के टोला तुडियाग में सरकारी जमीन की बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग पर ग्रामीणों ने भूमि सुधार उप समाहरता सरायकेला-खरसावां को एक ज्ञापंन सौपा गया। इस ज्ञापंन में सरकारी जमीन की बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग की गई।
#दखल नही होने पर बदोबस्ती रद्द होगा-सीओ
खरसावां अंचल अधिकारी मुकेश मछुवा ने कहा कि पांच साल से बदोबस्ती जमीन पर अगर दखल नही है। तो उक्त जमीन की बदोबस्ती रद्द कर दिया जाएगा। तुडियाग में कुल 3.49 एकड सरकारी जमीन है। जिसमें से 50-50 डिसमिल करके चार लोगों में 2 एकड़ जमीन की बदोबस्ती की गई थी। ग्रामीण अगर बंदोबस्ती रद्द करने को लेकर आवेदन देते है तो सरकारी प्रवाधानों के तहत बंदोबस्ती रद्द कर दिया जाएगा।
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