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Reforms in Entrance Examinations: त्रुटि रहित प्रवेश परीक्षा के लिए राज्य सुधारों में करें सहयोग :केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

New Delhi. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार जनवरी से देश में प्रवेश परीक्षाओं में विभिन्न सुधार लागू कर रही है. उन्होंने राज्य सरकारों से त्रुटि रहित प्रवेश परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग की अपील की. प्रधान ने कहा कि राधाकृष्णन समिति ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में सुधारों का खाका तैयार करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है और उसकी अनुशंसाओं को लागू करने के लिए राज्यों का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने सभी राज्य सरकारों के शिक्षा सचिवों से अपील की है.

नयी प्रवेश परीक्षा श्रृंखला जनवरी में शुरू होगी

आगामी वर्ष के लिए नयी प्रवेश परीक्षा श्रृंखला जनवरी में शुरू होगी. पिछले वर्ष के अनुभवों के आधार पर सरकार ने कई सुधार लागू किए हैं.’ इस कार्यशाला में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों ने हिस्सा लिया. शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘राधाकृष्णन समिति ने अपनी सिफारिशें दे दी हैं और इसे लागू करने के लिए राज्यों का सहयोग जरूरी है. मैंने इस मामले में सभी से अपील की है, खासकर प्रवेश परीक्षाओं के मामले में.’ उन्होंने कहा, ‘परीक्षाओं, विशेषकर प्रवेश परीक्षाओं को बिना त्रुटि के आयोजित कराना भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी है. हम अपने देश के बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए एक टीम के रूप में काम करेंगे.’

चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट)और पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के बीच केंद्र ने जून में एनटीए की परीक्षाओं को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी.

‘रिपोर्ट मुख्य रूप से एनटीए को मजबूत करने पर केंद्रित

प्रधान ने बताया, ‘रिपोर्ट मुख्य रूप से एनटीए को मजबूत करने पर केंद्रित है. परीक्षा केंद्र चयन प्रक्रिया को पूर्णतया सुरक्षित बनाने तथा प्रणाली में पिछली खामियों को दूर करने के लिए सिफारिशें की गई हैं. आयोजित की जाने वाली परीक्षा के प्रकार तथा प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ‘क्या करें और क्या न करें’, इस बारे में भी सिफारिशें की गई हैं.’

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