New Delhi. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराकर दोनों पर उनके हालिया चुनाव अभियान के दौरान ‘झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय’ बयान देने का आरोप लगाया है. विपक्षी दल ने आयोग से आग्रह किया है कि वह मोदी और शाह को चुनाव की शेष अवधि के लिए चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के संचालन से प्रतिबंधित करे और मामले की गहन जांच कराए.
कांग्रेस ने आयोग से अनुरोध किया कि वह महाराष्ट्र और झारखंड में ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उग्र और घोर उल्लंघनकारी चुनावी अभियान में शामिल’’ सभी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दे.
मोदी के खिलाफ निर्वाचन आयोग को दिए गए अपने ज्ञापन में कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के स्टार प्रचारक और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए कई बयानों से निर्वाचन आयोग को अवगत कराना चाहती है.
रमेश ने आरोप लगाया कि आठ नवंबर को मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक और धुले में आयोजित चुनावी रैलियों के दौरान कांग्रेस और उसके सहयोगियों को निशाना बनाते हुए कई ‘झूठे, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय’ बयान दिए. उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने बयानों में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर आरोप लगाए.
रमेश ने दावा किया कि मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के विरोधी थे.उन्होंने भाषण की एक प्रति साझा करते हुए कहा, ‘इसके बाद नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के खिलाफ आरोप लगाए और दावा किया कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के हितों का विरोध करती है. वास्तव में श्री मोदी यह दावा करने की हद तक चले गए कि कांग्रेस सक्रिय रूप से एससी, एसटी और ओबीसी के बीच अंदरूनी कलह को बढ़ावा दे रही है.
रमेश ने 13 नवंबर को अपने ज्ञापन में आरोप लगाया, ‘पूरे भाषण का लहजा और भाव वक्ता के धर्म और जाति-आधारित शत्रुता पैदा करने और फैलाने के इरादे का सबूत है. रमेश ने 12 नवंबर को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक रैली में मोदी के एक भाषण का भी हवाला दिया और कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘‘कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ अपने झूठे और निराधार आरोपों को दोहराया.
रमेश ने आयोग से शेष चुनाव अवधि के लिए मोदी पर चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देने का भी आह्वान किया. उन्होंने आयोग से ऐसा कोई भी आदेश पारित करने का आग्रह किया जो उचित हो. शाह के खिलाफ शिकायत करते हुए अपने ज्ञापन में, रमेश ने कहा कि भाजपा के स्टार प्रचारक और मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री शाह द्वारा दिए गए कुछ बयानों को आयोग के ध्यान में लाने के लिए उससे संपर्क करने के लिए बाध्य है.
उन्होंने कहा कि ये बयान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा चुनावी कानूनों का ‘घोर’ उल्लंघन हैं. रमेश ने आरोप लगाया कि 12 नवंबर को झारखंड के धनबाद में एक चुनावी रैली के दौरान, शाह ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बारे में कई झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बयान दिए. रमेश के मुताबिक, अपने भाषण के दौरान शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खिलाफ हैं और देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने शाह द्वारा दिए गए बयानों वाला वीडियो संलग्न करते हुए ज्ञापन में कहा, ‘‘झारखंड में भाजपा के अभियान में जो आम विमर्श बन गया है, उसके तहत शाह ने कांग्रेस पर एसटी, एससी और ओबीसी समुदायों से आरक्षण छीनकर उसे एक विशेष धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को देने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है.