नयी दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी को उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शनिवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई. सक्सेना ने यहां राजनिवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आतिशी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. कांग्रेस की शीला दीक्षित और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुषमा स्वराज के बाद, आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. स्वतंत्र भारत में, आतिशी मुख्यमंत्री पद संभालने वाली 17वीं महिला हैं.
नयी मंत्रिपरिषद के सदस्य के तौर पर सौरभ भारद्वाज ने सबसे पहले शपथ ली, जिसके बाद गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने शपथ ग्रहण की. सुल्तानपुर माजरा से पहली बार के विधायक अहलावत, दिल्ली मंत्रिमंडल में नया चेहरा हैं. मुख्यमंत्री पद पर आतिशी की पारी संक्षिप्त होगी क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले साल फरवरी माह में चुनाव होने की संभावना है.
यहां राज निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आतिशी के पूर्ववर्ती और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के अन्य नेता एवं विधायक शामिल हुए.
केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद इस सप्ताह के प्रारंभ में आतिशी को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था.
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल, विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा समेत भाजपा के सांसद, और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा भी समारोह में शामिल हुए.
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आतिशी सरकार को आप द्वारा जनता से किये गए वादों को पूरा करना चाहिए. बिधूड़ी ने कहा, ‘नयी सरकार को बिजली और पानी के बिल कम कर जनता को राहत देनी चाहिए. दिल्ली ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति कर माफ किया जाना चाहिए. इसके अलावा, केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू किया जाना चाहिए.’ शपथ ग्रहण से पहले, आतिशी और उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने वाले नेताओं ने यहां आप प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल से उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुलाकात की. आतिशी के नेतृत्व वाले नये मंत्रिमंडल के पास लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की जाने वाली नयी पहल की एक लंबी सूची है. आतिशी को दिल्ली सरकार के कामकाज में तेजी लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएं फिर से पटरी पर आ जाएं, जो उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के कारावास के कारण महीनों तक धीमी रही थीं. आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की पांच महीने की न्यायिक हिरासत के कारण, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार धन की कमी की वजह से सड़क, जलापूर्ति, सीवर और दवाओं सहित मूलभूत सेवाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष कर रही है, जैसा कि पार्टी नेताओं ने दावा किया है.
आतिशी को अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री पद पर अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान इन मुद्दों से निपटना होगा. इसके अलावा, उन्हें प्रस्तावित ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’’ के तहत दिल्ली में पात्र महिलाओं को 1,000 रुपये का मानदेय प्रदान करने के केजरीवाल के वादे को लागू करना भी सुनिश्चित करना होगा.