Puri. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने रविवार को बताया कि पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा दौर तय समय से एक दिन पहले ही संपन्न हो गया है. पत्रकारों से बात करते हुए श्री पाढ़ी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किये गये रत्न भंडार के तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा दौर रविवार को पूरा हो गया है. इसमें लगभग 4 घंटे और 5 मिनट का समय लगा.
श्री पाढ़ी ने कहा कि वैज्ञानिक आनंद कुमार पांडे के नेतृत्व में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) द्वारा नवीनतम तकनीक का उपयोग करके तकनीकी सर्वेक्षण किया गया. चूंकि यह एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण है, इसलिए रिपोर्ट आने में कुछ दिन लगेंगे. एक बार रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद, एनजीआरआइ इसे एएसआइ को देगा और एएसआइ इसे एसजेटीए को सौंपेगा.
जिसके बाद एसजेटीए राज्य सरकार के समक्ष रिपोर्ट पेश करेगा. रिपोर्ट के आधार पर, हम विशेषज्ञों से आगे परामर्श करेंगे और तदनुसार, एएसआइ मरम्मत और जीर्णोद्धार कार्य करेगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने शनिवार दोपहर को 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार के तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा दौर शुरू किया था. सर्वेक्षण का पहला दौर 18 सितंबर को हुआ था, जब एएसआइ के अतिरिक्त महानिदेशक जाह्नवीज शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने रत्न भंडार और इसकी लेजर स्कैनिंग का प्रारंभिक निरीक्षण किया था. टीम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ), हैदराबाद के विशेषज्ञ भी शामिल थे.
18 सितंबर को एसजेटीए ने दशहरा और कार्तिक माह के दौरान देवताओं के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर 24 सितंबर तक तकनीकी सर्वेक्षण पूरा करने का अनुरोध करते हुए एएसआइ को पत्र लिखा था. मंदिर में दुर्गा पूजा के अनुष्ठान 24 सितंबर से शुरू होंगे. एसजेटीए ने एएसआइ से निर्धारित समय के भीतर सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने का भी अनुरोध किया था. इससे पहले, मंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार के बाहरी और भीतरी कक्षों से सभी कीमती सामान और आभूषणों को हटाकर मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी स्ट्रांग रूम में रख दिया है.