Ranchi. कांग्रेस की झारखंड इकाई ने रविवार को कहा कि उसने झारखंड विधानसभा में विधायक दल के नेता को नामित करने का फैसला नयी दिल्ली में अपने केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है. हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन की लगातार दूसरी बार झारखंड की सत्ता में शानदार वापसी के बाद कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की यहां बैठक हुई. गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट जीतीं, जिनमें कांग्रेस की 16 सीट शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 24 सीट मिली हैं.
कांग्रेस महासचिव और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई. पार्टी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर विधायक दल के नेता को नामित करने का अधिकार आलाकमान को दिया है. प्रस्ताव पार्टी नेतृत्व को भेजा जाएगा.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने विस्तृत चर्चा की और बैठक में 16 में से 14 विधायक मौजूद थे. मीर ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वरिष्ठता, सदन के अनुभव और अन्य मापदंडों के आधार पर परिपाटी के अनुसार विधायक दल के नेता के संबंध में निर्णय लेगा.
हालांकि, कांग्रेस नेता ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या पार्टी ने उपमुख्यमंत्री पद की मांग की है. कांग्रेस कितने मंत्री पद मांगेगी, इस पर उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता गठबंधन का नेता चुनना है, जिसके बाद पार्टी का एक अधिकृत प्रतिनिधिमंडल इस मामले पर गठबंधन नेताओं से बात करेगा. मीर ने कहा कि सदन का नेता चुने जाने के बाद, ‘हम विस्तृत चर्चा करेंगे.’