चौकीय नहीं जनाब यह झारखंड है,जहां मानो पैसा बोलता है! सब कुछ जायज है,यहा फिक्स अनफिक्स हो जाते है और अनफिक्सड फिक्स्ड हो जाता है।
पैसे-पहुंच-पैरवी के बल पर सब कुछ जायज है? सीनियर जूनियर बन जाते हैं और जूनियर सीनियर बन जाते हैं। झारखंड राज्य के कोल्हान प्रमंडल की एक ऐसा भी जिला है जहां लगभग 5 वर्षों से 5 किलोमीटर के दायरे में ही पदाधिकारी डिप्टी बजाते रहते हैं और एक दूसरे के पड़ोसी बने रहते हैं ।
उक्त बातें राज्य की राजधानी के राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। पुलिस मुख्यालय सहित अन्य जगहों पर इन पदाधिकारियों की खूब चर्चाएं हो रही । इनकी पहुंच पैरवी की बातें भी खूब हो रही हैं।
सूबे के नए डीजीपी अजय कुमार सिंह भी इन पड़ोसियों पर मेहरबान रहेंगे या वर्षो से एक ही जिले में जमें पदाधिकारियों का स्थानांतरण करेंगे,यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!
संवाददाता ने इस संबंध में जानकारी लेने हेतु झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया परंतु समाचार लिखे जाने तक संपर्क नही हो पाया l
ए के मिश्र