जमशेदपुर पश्चिमी के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता ने कहा कि जो व्यक्ति ईमानदारी और शुचिता का पाठ पढ़ाता हो, उसे पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए.
सरयू राय कभी बिहार से विधानपरिषद सदस्य बनते हैं. कभी पश्चिमी से चुनाव लड़ते हैं. कभी पूर्वी जमशेदपुर चले जाते हैं. कभी धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगते हैं. जब लोकसभा में दाल नहीं गलती है, तो फिर लौट कर पश्चिमी में आ जाते हैं.असल में वे टिक कर जनहित की राजनीति करने वाले नेता नहीं हैं. हारने के बाद वे बिहार चले जाएंगे. वे भगोड़ा नेता हैं.
कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता का कहना है कि पश्चिमी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता के पास दो विकल्प है कि वे सरयू राय जैसा भगोड़ा नेता को चुने या यहीं पैदा हुए, पले, बढ़े अपने बेटा, अपने भाई बन्ना गुप्ता को चुने.
बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब वे दोमुहानी संगम की सफाई करवा रहे थे, तो सरयू राय ने कहा कि मैं नदी का पेट चीर रहा हूँ. जब मैं मानगो फ्लाइ ओवर के लिए दिन रात सरकार व टाटा स्टील के अधिकारियों को मना रहा था, तो सरयू राय कहने लगे कि मानगो में फ्लाइओवर की आवश्यकता ही नहीं है. जब मैंने एमजीएम डिमना में सुपर मल्टीस्पेसीयलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करवा दिया तो वे कहते हैं कि हड़बड़ाहट में उद्घाटन किया गया है. यानी विकास के हर काम में केवल कमी निकालना ही सरयू राय का उद्देश्य रह गया है. असल में दूसरों की कमी निकालना उनकी आदतों में शुमार है. वे खुद को चाणक्य कहते हैं, जबकि वे छिद्रान्वेषी हैं, जो केवल दूसरों में दोष ढूंढ़ते रहते हैं.
अब जमशेदपुर पश्चिमी की जनता के पास दो विकल्प हैं कि जात पात की राजनीति करने एवं झूठा दोषारोपण करने वाले सरयू राय को चुने या विकसित जमशेदपुर के लिए कृतसंकल्पित अपने बेटा बन्ना गुप्ता को चुने.
बन्ना गुप्ता ने किया साकची में जनसम्पर्क
जमशेदपुर पश्चिमी के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता आज साकची पहुंचे. जहां उन्होंने पदयात्रा करते हुए स्थानीय लोगों से जनसम्पर्क किया. जहां लोगों ने उनके ऊपर विश्वास जताते हुए विजयी होने का आशीर्वाद दिया.