Ranchi. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने झारखंड विधानसभा चुनाव के सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की (झारखंड) प्रदेश इकाई में अंतर्कलह की खबरों का सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद थोड़ा-बहुत असंतोष स्वभाविक है. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी शर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया है कि पार्टी द्वारा टिकट वितरण में भाई-भतीजावाद को ध्यान में रखा गया. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे तथा मतगणना 23 नवंबर को होगी. शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे (पार्टी में अंतर्कलह के बारे में) कोई जानकारी नहीं है.
उम्मीदवारों की घोषणा के बाद थोड़ा-बहुत असंतोष स्वाभाविक है.’ उनसे पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच अंतर्कलह के बारे में पूछा गया था जिसकी वजह से तीन बार के भाजपा विधायक केदार हाजरा समेत कुछ नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. शर्मा ने कहा कि भाजपा एक बड़ा राजनीतिक परिवार है और कुछ ‘नाराजगी’ एवं ‘इस्तीफे’ तो स्वभाविक हैं लेकिन वह इन असंतुष्ट नेताओं से भेंट करेंगे. शर्मा ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि अन्य दलों पर ‘वंशवादी’ होने का आरोप लगाने वाली भाजपा ने कुछ लोगों को उनके परिवारों के कारण टिकट दिया. उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है,.
उन्होंने कहा कि दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को जो टिकट दिया गया है वह इसलिए दिया गया क्योंकि उनके पति विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह, झारखंड के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को भी पार्टी टिकट दिया गया है, क्योंकि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को टिकट दिये जाने पर शर्मा ने कहा कि जब वह सत्तारूढ़ झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे तो उनसे यह वादा किया गया था. उन्होंने कहा, ‘उनके (चंपई सोरेन) शामिल होने के समय हमने उन्हें (टिकट का) आश्वासन दिया था.