Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2016 के स्टेट मेरिट लिस्ट को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुना. मामले में आदेश के आलोक में शपथ पत्र दायर नहीं किये जाने पर अदालत ने नाराजगी जतायी. अदालत ने स्टेट मेरिट लिस्ट पर प्रार्थियों की आपत्ति पर सुनवाई की. अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को स्पेशिफिक शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया.
अदालत ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले और बाद में कितने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है और उनकी नियुक्ति की तिथि क्या है. सुप्रीम कोर्ट ने कितने शिक्षकों की नियुक्ति को सुरक्षित रखा था. जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है, वह किस कोटि के हैं और उनकी नियुक्ति की तिथि क्या है. वर्ष 2016 के विज्ञापन से कुल कितने पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी और कितने पद रिक्त रह गये हैं. विस्तृत शपथ पत्र पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन पैरवी करेंगे. इसलिए समय देने का आग्रह किया गया. वहीं प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स, अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखा. वहीं जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मीना कुमारी व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. जेएसएससी ने अदालत के आदेश के बाद 26 विषयों में स्टेट मेरिट लिस्ट जारी किया है. जिस पर प्रार्थियों की ओर से आपत्ति दायर की गयी है. प्रार्थियों ने विज्ञापन के आलोक में कट ऑफ मार्क्स से अधिक अंक लानेवाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग की है.