Bandamunda चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा ए केबिन के पास देर रात 9.30 बजे 23 हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था, तभी मालगाड़ी आ गयी, जिसकी चपेट में आकर हाथी के बच्चे की मौत हो गयी. इसके बाद ट्रैक पर हाथी जोर-जोर से चिंघाड़ने लगे. सूचना पाकर रेल अधिकारियों ने हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग की सभी ट्रेनों का परिचालन रोक दिया. सोमवार रात 9.30 बजे से 12.30 बजे तक चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर ट्रेनें नहीं चलीं. घटना के बाद हाथी के बच्चे को ट्रैक से हटाया गया. इसके बाद ट्रेनों को एक-एक कर चलाया गया. सूचना पाकर बंडामुंडा की वनविभाग की टीम पहुंची और मालगाड़ी के इंजन से लोको पायलट व सहायक लोको पायलट को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद रिहाई की मांग को बंडामुंडा क्रू लॉबी में रनिंग स्टाफ धरना पर बैठ गये. रेल अधिकारियों व बंडामुंडा के वनविभाग के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने मालगाड़ी के एलपी व एएलपी को रिहा कर दिया. चक्रधरपुर रेल मंडल के सहायक वाणिज्य निरीक्षक बबन कुमार ने बताया कि बंडामुंडा एक एलिफेंट जोन है, जहां हाथियों का विचरण होता है. मालगाड़ी के धक्के से हाथी के बच्चे की मौत हुई है. घटना के बाद बीती रात सुरक्षा की दृष्टिकोण से ट्रेनों का परिचालन ढाई घंटे तक रोक दिया गया. ट्रैक से हाथी को दूर करने व मृत हाथी को हटाया गया. जिसके बाद यात्री ट्रेनों का परिचालन कराया गया. रेलवे सुरक्षित परिचालन व हाथियों को ट्रैक पर आने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग व रोशनी की तकनीक लगायी है. जबकि हाथी के लिए एलिफेंट कॉरिडोर योजना पर काम हो रहा है. एलपी व एएलपी को दोषी कहना गलत है.
दो हाथी घायल, बंडामुंडा के जंगल में मौजूद है झुंड
वहीं दो घायल हाथी बंडामुंडा ए केबिन व सी केबिन के बीच पेड़ों के झुरमुट में छिपे हुए हैं. वन विभाग की टीम इन घायल हाथियों पर नजर रखे हुए हैं. बताया जाता है कि बच्चे की मौत के बाद से हाथियों का झुंड आक्रोशित है. बंडामुंडा के आस-पास के जंगल में जमे हैं. इससे बंडामुंडा के लोग भयभीत हैं. बताया जाता है कि एलीफेंट जोन में ट्रेनें तेज ध्वनि का सायरन बजाते हुए आगे बढ़ती हैं. रेलवे द्वारा सुरक्षा के कई इंतजाम किये गये हैं, ताकि हाथी का झुंड रेलवे ट्रैक तक नहीं आ सके, लेकिन हाथी के झुंड नये-नये स्थानों से होकर रेलवे ट्रैक से गुजर रहे हैं, जिससे ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन प्रभावित हो रहा है. वहीं, वन जीवों को भारी नुकसान हो रहा है.